Happy Holi,होली 2023, होली पर कविता,होली फौजी के परिवार,शाम्भवी पाण्डेय, संभव

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रंग,गुलाल,अबीर सजे हैं

निकली है हम उम्र की टोली,

मेरा अंगना राह निहारे

कब रंगों के तुम मेरी चोली।


मां की गुझिया,पापड़,समोसी

सजी धरी सब थाली में,

बाबूजी के चौपाल की रौनक

अधूरी लगे त्योहारी में।


बहन कहे बहुत रूप सजाए

बचपन में तेरी सूरत पर,

अबकी किसको तंग करू

रंगों के प्यारे मुहूर्त पर।



रिश्ते नाते सब है पूछे 

फौजी आएंगे क्या होली पर,

सबको बतलाऊ मैं बात यही

फौजी तो है ड्यूटी पर।

      

                                  - शाम्भवी पाण्डेय

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