भारतीय साक्ष्य अधिनियम-2023,परिचय, संभव, शाम्भवी पाण्डेय

भारतीय साक्ष्य अधिनियम-2023,परिचय, नए और पुराने साक्ष्य कानून के बीच तुलना,संभव,शाम्भवी पाण्डेय

भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) -2023:

भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 ब्रिटिश शासन काल के दौरान लागू किया गया था। क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम में साक्ष्य का विशेष महत्व  होता है। किसी भी व्यक्ति को सजा साक्षयों के आधार पर ही न्यायालयों द्वारा दिया जाता है। 

भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023

    वर्तमान समय के अनुरूप अपराध कर्मियों को सजा दिलाने के लिए भारतीय साक्ष्य अधिनियम में परिवर्तन आवश्यक था। इसी को देखते हुए भारतीय संसद के द्वारा भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 को पारित किया गया। 

परिचय:

‘भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872’ , 25 दिसंबर 2023 को भारत के राष्ट्रपति की सहमति से "भारतीय साक्ष्य अधिनियम-2023" द्वारा प्रतिस्थापित किया गया।

यह किसी भी न्यायालय में या उसके समक्ष सभी न्यायिक कार्यवाहियों पर लागू होता है, जिसमें कोर्ट-मार्शल भी शामिल है, लेकिन किसी भी न्यायालय या अधिकारी को प्रस्तुत किए गए शपथ पत्रों पर नहीं और न ही किसी मध्यस्थ के समक्ष कार्यवाहियों पर लागू होता है।


(1) This Act may be called the Bharatiya Sakshya Adhiniyam, 2023.


(2) It applies to all judicial proceedings in or before any Court, including Courts-martial, but not to affidavits presented to any Court or officer, nor to proceedings before an arbitrator.

यह उस तारीख से लागू होगा जिसे केंद्र सरकार आधिकारिक राजपत्र में अधिसूचित करेगी।


आईए जानते हैं कि इंडियन एविडेंस एक्ट 1872 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 में क्या अंतर है।


नए और पुराने साक्ष्य कानून के बीच तुलना:

इंडियन एविडेंस एक्ट (IEA): इसे अब भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) कहा जाएगा। 

IEA में पहले 167 धाराएं थीं, जबकि BSA में 170 धाराएं होंगी।


 IEA-1872 में प्रावधान:


 अधिनियम को 3 भागों में विभाजित किया गया है


  •  भाग ---- पहला;  (तथ्यों की प्रासंगिकता) अध्याय 1 और 2- खंड 1-55-

  • भाग-II-प्रमाण पर: अध्याय III-VI;  धारा 56-100;

  • भाग-III- साक्ष्य का उत्पादन और प्रभाव।  अध्याय VII से XI.  धारा 101-167


 BSA-2023 में प्रावधान:


 अधिनियम को 4 भागों में विभाजित किया गया है


  • भाग ---- पहला;  (प्रारंभिक) अध्याय I-धारा 1-2

  • भाग द्वितीय;  (तथ्यों की प्रासंगिकता) अध्याय II-धारा 3-50।

  • भाग-III-प्रमाण पर;  अध्याय III- VI;  धारा 51-103;

  • भाग-IV- साक्ष्य का उत्पादन और प्रभाव।  अध्याय VII से XI.  धारा 104-170




नोट: लेखिका विधि की छात्रा है। यहां दी गई जानकारी लोगों को विधि के सामान्य परिचय के लिए है। कृपया अधिक जानकारी के लिए संबंधित अधिनियम एवं विधि की प्रामाणिक बुक का अध्ययन करें।


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