किताब पढ़ने के फायदे
किताब पढ़ने के क्या फायदे हैं?
बच्चों में किताब पढ़ने की आदत कैसे विकसित करें?
लॉकडाउन के इस दौर में किताब पढ़ना बच्चों के मानसिक विकास में सबसे प्रभावशाली कारक है।इससे बच्चों का मनोरंजन भी होता है, ज्ञान भी बढ़ता है, बच्चे नैतिक शिक्षा का भी पाठ सीखते हैं। पहले दादी- नानी जो कहानियां सुनाती थी, बच्चे उन्हें बड़े ध्यान से सुनते थे, उन पर विचार करते थे, इससे उनकी सोचने समझने की क्षमता का विकास होता था।
हिंदू शास्त्रों के अनुसार बच्चे के प्रथम 7 वर्ष तक उसे हर तरफ से सहज रूप में जानकारी देना चाहिए । इसी उम्र में उसके भविष्य का निर्माण हो जाता है । इसलिए बच्चों में कम से कम एक किताब पढ़ने की आदत जरूर डालें और माता-पिता भी साथ बैठकर इन कहानियों को सुनकर बच्चों को उससे मिलने वाली शिक्षा के बारे में जरूर बताएं।
किताबों के अध्ययन का सबसे बड़ा फायदा यह है कि हमें उस विषय के जानकार व्यक्ति से सारी जानकारियां आसानी से प्राप्त हो जाती है, जैसे अगर हम महान व्यक्ति की जीवनी पढ़ते हैं या किसी सफल व्यक्ति की आत्मकथा पढ़े तो हमने उस व्यक्ति के पूरे जीवन काल में किन संघर्षों को किन अनुभवों को उसने प्राप्त किया है,उसे जान लेते हैं और इस प्रकार दूसरों के अनुभव से सीखने के लिए किताबों से अच्छा मार्गदर्शक हमें कोई नहीं प्राप्त हो सकता। पंचतंत्र की कहानियां को लिखने के पीछे भी यही आधार रहा है, विष्णु शर्मा के द्वारा लिखा गया यह साहित्य अपने राजा के नासमझ राजपूतों को कहानी के माध्यम से ज्ञान प्रदान करना था।इस प्रकार कहानीकार के अनुभव का फायदा पाठक को होता है।
हम यह कुछ किताबों के नाम की जानकारी दे रहे हैं जो बच्चों के नैतिक और मानसिक विकास में लाभकारी हैं-
जैसे
*पंचतंत्र की कहानियां
*हितोपदेश
*उपनिषद की कथाएं
*बेताल पच्चीसी फर्स्ट घोस्ट स्टोरी
*कथासरित्सागर संस्कृत साहित्य का शिरोमणि ग्रंथ
*सिंहासन बत्तीसी
*तेनालीराम की कहानी
*बाल कहानी
*रामायण के प्रेरणादायक प्रसंग
*चित्रकथा
*सामान्य ज्ञान
*भारत और भूगोल
*फुल फॉर्म
*लुसेंट
*उपकार
3 वर्ष से 5 वर्ष तक के बच्चों को चित्र कथा के माध्यम से कहानी सुनाएं क्योंकि इस समय बच्चों को अक्षर ज्ञान नहीं होता किंतु चित्र कथाओं के माध्यम से किताबों पर बने चित्र से बच्चे कहानी के भाव को आसानी से समझ जाते हैं|
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