बच्चों की सुरक्षा के लिए जरूरी 6 बातें, बच्चों की सुरक्षा क्या है? सुरक्षा की आवश्यकता क्यों है? सुरक्षा कैसे करें ? सुरक्षा सुनिश्चित करने के उपाय, सुरक्षा पर निबंध, घर से बाहर बच्चों की सुरक्षा, बच्चों की सुरक्षा एवं संरक्षण ,बचपन, बच्चे और मनोविज्ञान की श्रृंखला, SHAMBHAV
बचपन, बच्चे और मनोविज्ञान की श्रृंखला में,आज हम चर्चा करेंगे बच्चों को सुरक्षित रखने की उन जरूरी बातों पर जो बच्चों को सिखाया जाना बहुत आवश्यक है।
बच्चों की सुरक्षा क्या है? सुरक्षा की आवश्यकता क्यों है?
हमारे नौनिहाल स्कूल जाने के लिए तैयार हैं। ऐसे में स्कूल जाने एवं घर आने के क्रम में कई बार देखा गया है कि बच्चों के साथ कोई ऐसी परिस्थिति खड़ी हो जाती है जो उनकी असुरक्षा का कारण बन सकती है।
ऐसे में हर माता-पिता का यह सोचना बहुत ही जरूरी है कि वह अपने बच्चों को क्या सिखाएं जिससे उनके बच्चे घर से बाहर जब भी निकले चाहे विद्यालय में हो या फिर विद्यालय से घर के रास्ते में, हर जगह उन्हें सुरक्षित रखा जा सके।
बच्चों की सुरक्षा के लिए जाने क्या है जरूरी बातें:
बच्चों की सुरक्षा कैसे करें? बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उपाय-
हमारे बच्चे जब स्कूल जाने के लिए तैयार हो तो जरूरी है उससे पहले हम उन्हें उनकी सुरक्षा से जुड़ी हुई कुछ जरूरी बातें जरूर सिखाएं, जिससे वे सुरक्षित रहें।
आइए जानते हैं सुरक्षा से जुड़ी बच्चों के लिए जरूरी बातें जो हमें बच्चों को सिखाना है बहुत जरूरी है-
बच्चों को स्ट्रांग बनाएं:
बच्चों को स्ट्रांग बनाने का मतलब है उन्हें शारीरिक और मानसिक दोनों रूपों से मजबूत बनाना। इसके लिए जरूरी है कि जब भी बच्चा गिरे या कोई गलती करें तो उसकी गतिविधियों पर पूर्ण नजर रखें लेकिन पहले उसे स्वयं से उठने का और अपनी गलती सुधारने का मौका दें।
बच्चों को कॉन्फिडेंट बनाएं:
अपनी बात को स्पष्ट रूप से कहना सिखाएं।
बच्चे के द्वारा अन्य व्यक्तियों के साथ संवाद को प्रोत्साहित करें एवं अनावश्यक रोक-टोक से बचे हैं।
बच्चों के प्रश्न करने पर उन्हें प्रोत्साहित करें और तार्किक उत्तर दें।
बच्चों की बातों को गंभीरता से सुने।
फिजिकल एक्टिविटी,खेलकूद,जूडो-कराटे आदि से जोड़े, जिससे बच्चे में कॉन्फिडेंट बढ़ता है।
अजनबी के बारे में समझाएं:
बच्चों को सिखाएं अजनबी कौन होते हैं? ऐसे व्यक्ति जिन्हें हम नहीं जानते हैं वह अजनबी होते हैं।
अजनबीयों से बातें नहीं करना है।
ऐसे व्यक्ति जिन्हें हम नहीं पहचान रहे हैं उनके द्वारा दिए गए किसी भी प्रकार के गिफ्ट या खाने के सामान को नहीं लेना है।
अनजान व्यक्ति के द्वारा बुलाने पर या कहीं जाने की बात पर उनके साथ नहीं जाना है।
अनजान व्यक्ति की किसी भी बात या लालच पर उन्हें स्पष्ट रूप से 'नो' कहना सिखाएं।
बच्चों को बातें शेयर करना सिखाए:
बच्चे जब भी स्कूल या बाहर कहीं से वापस आए तो उन्हें वहां की सारी बातें शेयर करना सिखाए।
स्वयं भी बच्चों के दोस्त बने और उनसे अपनी बातें शेयर करें। इससे बच्चे अपनी बातें शेयर करना सीखते हैं।
बच्चों को सिखाएं कोई भी बातें जो बाहर वाले उनसे कह रहे हैं वह सीक्रेट नहीं होती।
ऐसी कोई बात जिसे अपने घर वालों से कहने को मना किया जाए,वह बातें विशेष रूप से अपनी मां या अपने किसी खास को जरूर बताएं।
इलेक्ट्रिक और धारदार चीजों से बच्चों को दूर रखें:
बच्चों को बिजली के खुले तारों को छूने से रोके।
बिजली के उपकरण, स्विच आदि में उंगली डालने से मना करें।
सड़क पर बिजली के खंभों से भी दूर रहना सिखाएं।
बच्चों को घर में चाकू,ब्लेड,कैंची जैसी धारदार चीजों को छूने से मना करें।
बच्चों को घर की पहचान सिखाएं:
बच्चों को मम्मी-पापा के नाम के साथ साथ घर के किसी सदस्य का कम से कम एक मोबाइल नंबर जरूर याद कराएं।
बच्चों को घर का पता याद कराएं।
बच्चों को घर के आसपास की निशानी,लैंडमार्क जरूर सिखाएं।
यात्रा के क्रम एवं भीड़भाड़ वाली जगह जाने पर बच्चों के जेब में घर का पता लिखकर जरूर रखें।
इन सबसे उन्हें किस प्रकार नुकसान पहुंच सकता है, इसके बारे में बच्चों को अच्छे से समझाएं।उन्हें सिखाएं कि कैसे वह स्वयं को सुरक्षित रख सकते हैं और अपने मम्मी-पापा का भी ध्यान रख सकते हैं।
बच्चों की सुरक्षा कैसे करें? बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उपाय-
बच्चों को स्ट्रांग बनाएं:
बच्चों को कॉन्फिडेंट बनाएं:
अपनी बात को स्पष्ट रूप से कहना सिखाएं।
बच्चे के द्वारा अन्य व्यक्तियों के साथ संवाद को प्रोत्साहित करें एवं अनावश्यक रोक-टोक से बचे हैं।
बच्चों के प्रश्न करने पर उन्हें प्रोत्साहित करें और तार्किक उत्तर दें।
बच्चों की बातों को गंभीरता से सुने।
फिजिकल एक्टिविटी,खेलकूद,जूडो-कराटे आदि से जोड़े, जिससे बच्चे में कॉन्फिडेंट बढ़ता है।
अजनबी के बारे में समझाएं:
बच्चों को सिखाएं अजनबी कौन होते हैं? ऐसे व्यक्ति जिन्हें हम नहीं जानते हैं वह अजनबी होते हैं।
अजनबीयों से बातें नहीं करना है।
ऐसे व्यक्ति जिन्हें हम नहीं पहचान रहे हैं उनके द्वारा दिए गए किसी भी प्रकार के गिफ्ट या खाने के सामान को नहीं लेना है।
अनजान व्यक्ति के द्वारा बुलाने पर या कहीं जाने की बात पर उनके साथ नहीं जाना है।
अनजान व्यक्ति की किसी भी बात या लालच पर उन्हें स्पष्ट रूप से 'नो' कहना सिखाएं।
बच्चों को बातें शेयर करना सिखाए:
बच्चे जब भी स्कूल या बाहर कहीं से वापस आए तो उन्हें वहां की सारी बातें शेयर करना सिखाए।
स्वयं भी बच्चों के दोस्त बने और उनसे अपनी बातें शेयर करें। इससे बच्चे अपनी बातें शेयर करना सीखते हैं।
बच्चों को सिखाएं कोई भी बातें जो बाहर वाले उनसे कह रहे हैं वह सीक्रेट नहीं होती।
ऐसी कोई बात जिसे अपने घर वालों से कहने को मना किया जाए,वह बातें विशेष रूप से अपनी मां या अपने किसी खास को जरूर बताएं।
इलेक्ट्रिक और धारदार चीजों से बच्चों को दूर रखें:
बच्चों को बिजली के खुले तारों को छूने से रोके।
बिजली के उपकरण, स्विच आदि में उंगली डालने से मना करें।
सड़क पर बिजली के खंभों से भी दूर रहना सिखाएं।
बच्चों को घर में चाकू,ब्लेड,कैंची जैसी धारदार चीजों को छूने से मना करें।
बच्चों को घर की पहचान सिखाएं:
बच्चों को मम्मी-पापा के नाम के साथ साथ घर के किसी सदस्य का कम से कम एक मोबाइल नंबर जरूर याद कराएं।
बच्चों को घर का पता याद कराएं।
बच्चों को घर के आसपास की निशानी,लैंडमार्क जरूर सिखाएं।
यात्रा के क्रम एवं भीड़भाड़ वाली जगह जाने पर बच्चों के जेब में घर का पता लिखकर जरूर रखें।
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