बच्चों में सृजनात्मकता का विकास, बच्चों में कल्पना शक्ति का विकास
बच्चों में सृजनात्मकता का विकास:
जब बच्चे में बौद्धिक क्षमता का विकास होता है तब बच्चे क्या, क्यों, कैसे के सवालों से प्रत्येक कार्य के पीछे के कारण, उसके महत्व, उसकी आवश्यकता को समझते हैं।
इससे बच्चों में धीरे-धीरे आत्मविश्वास बढ़ता है। यही आत्मविश्वास बच्चों में सृजनात्मकता की क्षमता को विकसित करती है।
छोटे बच्चे बहुत क्रिएटिव होते हैं लेकिन क्रिएशन तभी संभव है जब बच्चे किसी विषय या बात को सोचेंगे, समझेंगे और प्रयास करेंगे।
इसलिए बच्चों को सृजनात्मक बनाने के लिए उन्हें प्रश्न करने पर प्रोत्साहित करें और बड़ी ही गंभीरता के साथ उनके सवालों के सही जवाब दें।
बच्चों में कल्पना शक्ति का विकास:
बच्चों में कल्पना शक्ति स्वाभाविक और ईश्वर प्रदत्त होती है । बस आवश्यकता होती है उसको सही संरक्षण और पोषण की ।
बच्चों में उनके सोचने ,प्रश्न पूछने और सृजनात्मकता को बढ़ावा देने से बच्चे नई नई और अद्भुत कल्पनाएं करते हैं।
भारत के भूतपूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम जी का कहना था
बच्चों की कल्पनाएं आपको अनेक समस्याओं का हल प्रदान करती हैं ।
उदाहरण के रूप में उनका कहना था कि
दो नदियों को जोड़ने की कल्पना / विचार छोटे बच्चों के मन की ही उपज है । बच्चों से मिलने के क्रम में उन्हें ऐसी सलाह बच्चों द्वारा दी गई थी ,की नदियों को जोड़ने से भारत जैसे विविधता युक्त देश में बाढ़ और सूखे की समस्या का एक साथ निपटारा संभव हो सकेगा |
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