Omikron ओमिक्रोन,ओमीक्रोन क्या है?

Omikron ओमिक्रोन,ओमीक्रोन क्या है? म्यूटेशन,श्रेणी क्या होता है? लक्षण, बचाव के तरीके | Shambhav,संभव |

नवंबर 2021में  दक्षिण अफ्रीका में पाये गए कोरोनावायरस के नए वेरिएंट ने पूरे विश्व  को चिंता में डाल दिया है| इस वायरस को ओमीक्रोन कहा गया है और माना जा रहा है कि कोरोनावायरस का यह  वैरीअंट अपने प्रभाव की दृष्टि में वैक्सीन को भी निष्प्रभावी कर सकता है | 

Omikron ओमिक्रोन,ओमीक्रोन क्या है? म्यूटेशन,श्रेणी क्या होता है? लक्षण, बचाव के तरीके |
Omikron ओमिक्रोन,ओमीक्रोन क्या है?

आइए जानते हैं कि  कोरोनावायरस का  यह वैरीअंट पूर्व के वायरस से किस प्रकार अलग है?उसके लक्षण क्या है बचाव के उपाय क्या है तथा किसी भी वायरस के लिए किस प्रकार श्रेणियों का चयन किया जाता है आदि |

    Omikron ओमिक्रोन,ओमीक्रोन क्या है?

    24 नवंबर 2021 को दक्षिण अफ्रीका ने विश्व स्वास्थ्य संगठन डब्ल्यूएचओ कोरोनावायरस का नया वैरीअंट बी. 1.1. 529 मिलने की जानकारी दी। इसे ओमिक्रोन नाम दिया गया।


    इसी दिन डब्ल्यूएचओ ने इसे वैरीअंट अंडर मॉनिटरिंग में रखा था।  | लेकिन अफ्रीका में तेजी से बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए 2 दिन बाद ही इसे वैरीअंट ऑफ कंसर्न की श्रेणी में डाल दिया गया है |वर्तमान में भारत सहित 3 दर्जन से अधिक देशों में ओमी क्रोन फैल चुका है।


    ओमी क्रोन के बारे में माना जा रहा है कि यह डेल्टा से भी 5 गुना अधिक संक्रामक है । | अच्छी बात यह है कि अभी इस वैरिंएएट को लेकर बहुत सी जानकारी सामने नहीं आई है| । यह हमारे लिए हक में भी हो सकती हैं और प्रतिकूल भी।


    म्यूटेशन क्या है? 


    जब एक वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में प्रवेश करता है तो उसके स्वरूप में कुछ बदलाव होने लगता है । इसी को म्यूटेशन कहते हैं ।


    किस प्रकार म्यूटेशन से वायरस के नए वैरीअंट का निर्माण होता है?


    जितने ज्यादा व्यक्ति संक्रमित होते हैं ,वायरस में उतने ही ज्यादा बदलाव होते हैं और म्यूटेशन की संभावनाएं भी उतनी अधिक होती हैं | इसी म्यूटेशन से ही वायरस के नए वेरिएंट का जन्म होता है।


    ओमी क्रोन में पहले के वायरस से क्या अलग है ? 


    अब तक का सबसे ज्यादा म्यूटेशन-


    कोरोनावायरस का कारण बने  सॉर्स-कोव -2 वायरस का नया वैरीअंट ओमी क्रोन म्यूटेशन के मामले में बिल्कुल अलग है। इसमें 50 से भी ज्यादा म्यूटेशन पाए गए हैं । अकेले 32 म्यूटेशन स्पाइक प्रोटीन में हुए हैं । 


    स्पाइक प्रोटीन ही वायरस को मनुष्य की कोशिकाओं में प्रवेश के लिए सक्षम बनाता है।


    ओमी क्रोन वैरीअंट बुहान में मिले वायरस से पूरी तरह अलग है । यही वैज्ञानिकों की चिंता का विषय है कि कहीं यह टीकों  के प्रभाव को ही समाप्त ना कर दे।


    क्या सभी वैरीअंट खतरनाक होते हैं?


    ज्यादा संक्रमण होते रहने से वैरीअंट लगातार बनते रहते हैं। वैरिंएट अपने प्रभाव के कारण अधिक या कम खतरनाक होते हैं । 

    जैसे- वीटा वैरीअंट ज्यादा खतरनाक माना गया था लेकिन अल्फा वैरीअंट ने अपने प्रभाव में ज्यादा क्षति पहुंचाई ।


    म्यूटेशन के आधार पर वैरीअंट की श्रेणियां-


    वायरस में बदलाव , म्युटेशन की गंभीरता के आधार पर  वैरीअंट को डब्ल्यूएचओ ने तीन श्रेणियों में बांटा है। यह वैरीअंट की श्रेणियां समय के साथ बदलती रहती हैं-


    (1) वैरिंएट अंडर मॉनिटरिंग

    (2) वैरिंएट ऑफ इंटरेस्ट

    (3) वैरिंएट ऑफ कंसर्न



    (1) वैरिंएट अंडर मॉनिटरिंग


    जिस वैरीअंट की संरचना से उसके गंभीर होने की आशंका रहती है लेकिन इस संबंध में कोई स्पष्ट प्रमाण नहीं होता तो उसे वैरीअंट अंडर मॉनिटरिंग में रखा जाता है।

    ऐसे वैरीअंट समय के साथ निष्प्रभावी भी हो सकते हैं या फिर अन्य श्रेणी में जा सकते हैं ।



    (2) वैरिंएट ऑफ इंटरेस्ट


    ऐसे वैरीअंट जिसकी संरचना में उड़ने वाला बदलाव अपनी गंभीरता के आधार पर मानव शरीर के प्रतिरोधी सिस्टम को धोखा दे सकता है ,उन्हें इस श्रेणी में रखते हैं। 



    (3) वैरिंएट ऑफ कंसर्न


    जब कोई वैरीअंट अपनी गंभीरता या संक्रमण में महामारी की स्थिति में बदलाव का कारण बन कर के मौजूदा बचाव के तरीकों को चुनौती देता है और नई समस्या उत्पन्न कर सकता है । उसे इस श्रेणी में रखा जाता है।


    ओमी क्रोन के लक्षण क्या हैं ?


    इसके

    आम लक्षणों में-


     बुखार, खांसी ,कमजोरी, थकान, स्वाद व सूखने की क्षमता में कमी आना है।


     गंभीर लक्षणों में-

    गले में खरास,सरदर्द, बदन दर्द, डायरिया, त्वचा पर चकत्ते, हाथ पैर की उंगलियों का रंग बदलना ,आंखों में लालिमा, खुजली, साथ ही सांस फूलना, आवाज रुकना, चलने फिरने में असमर्थता, याददाश्त में कमी, व छाती में दर्द आदि है।

    लक्षण पाए जाने पर क्या करें?


    (1)आरटी पीसीआर जांच के साथ ही नए स्टैंन की पुष्टि के जींस सीक्वेंसिंग टेस्ट कराएं।

    (2) कोरोनावायरस होने पर कोविड-19 लाइन से संपर्क करें और स्वयं को आइसोलेट करें।

    (3) सरकार द्वारा निर्गत कोरोनावायरस गाइडलाइन का पालन करें।

    (4) मास्क लगाये। 

    (5) किसी विशेषज्ञ डोक्टर से संपर्क करें |

    इम्यूनिटी को कैसे मजबूत करें?


    (1 )हरी सब्जियों का सेवन करें। इससे शरीर को विटामिन, प्रोटीन एवं अन्य जरूरी पोषक तत्व प्राप्त होते हैं ।

    (2)लहसुन खाएं, इसमें एंटीबायोटिक तत्व होते हैं ।

    (3)गाजर चुकंदर का सेवन करें।  इससे आरबीसी का निर्माण होता है । (आरबीसी अर्थात लाल रक्त कणिकाएं ।)

    (4)पालक, बथुआ, सोया आदि का सेवन करें ।

    (5)मौसमी फलों का सेवन करें।

    (6)गर्म पानी पिए, योग प्राणायाम करें एवं पौष्टिक आहार लें। 


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