श्रीकृष्ण के उपदेश,श्रीकृष्ण के उपदेश जिससे बढ़ता है आत्मविश्वास,संभव, शाम्भवी पाण्डेय, Shambhav
श्रीमद्भागवत गीता में श्रीकृष्ण के द्वारा दिए गए उपदेश प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में हर कदम पर उन्हें सतमार्ग दिखाने वाले होते हैं,उनके जीवन में नई आशा, नई उमंग जगाकर उन्हें सफलता की ओर अग्रसर कराने वाले होते हैं।
श्रीमद्भागवत गीता के उपदेशो में से कुछ उपदेश जिसे पढ़ने या सुनने से हमारे अंदर आत्मविश्वास बढ़ता है, उन्ही उपदेशों की चर्चा आज हम अपने इस लेख में करने जा रहे हैं।
भगवान श्रीकृष्ण के वह पांच उपदेश जिसे पढ़ने अथवा सुनने मात्र से ही प्रत्येक व्यक्ति में आत्मविश्वास (Self confidence) बढ़ता है आइए जाने वह पांच उपदेश क्या है -
1- ज्ञान और कर्म दोनों को एक समान रूप में देखना :
श्रीकृष्ण कहते हैं व्यक्ति को ज्ञान और कर्म दोनों को ही एक समान रूप में देखना चाहिए।
यानी कि एक ही नजरिया रखना चाहिए। वर्तमान समय में यदि इसकी प्रासंगिकता को देखें तो कई बार ऐसा देखने और सुनने में आता है कि व्यक्ति बातें तो बड़ी-बड़ी कर्म प्रधान करता है लेकिन जब खुद वह उस स्थिति में होता है तो वह उन्हें भूलकर जो खुद के लिए सही हो बस वही करता है।
2-अपने मन पर नियंत्रण जरूरी :
श्रीमद्भगवत गीता के एक श्लोक में योगेश्वर कृष्ण ने बताया है कि व्यक्ति का अपने मन पर नियंत्रण जरूर होना चाहिए।
वह अर्जुन से कहते हैं कि मन अत्यंत चंचल होता है। इसपर विराम लगाना मनुष्य की जिम्मेदारी होती है। अन्यथा यह तो अपनी ही गति से चलता रहता है।
3- सच्चा मित्र कौन :
श्रीमद्भगवत गीता ने श्रीकृष्ण ने सच्चे दोस्त के बारे में बताया है कि सच्चा मित्र वही होता है जो आपका बुरे वक्त में साथ दे।
यानी कि दु:ख और परेशानी में हर वक्त आपके साथ खड़े हों।
4- अंतरात्मा की आवाज सुने :
श्रीकृष्ण कहते हैं कि कल की चिंता न करें,अपने अंतरात्मा की आवाज सुने
और जो उचित है उसी कर्मपथ पर आगे बढ़ते जाएं,फिर आने वाला समय चाहे जैसा परिणाम दे । अच्छे-बुरे दोनों वक्त को स्वीकार करें ।
5-अपनी क्षमता को पहचाने :
श्रीमद्भागवत गीता में श्रीकृष्ण अर्जुन को समझाते हुए कहते हैं कि अपनी क्षमता की पहचानों ।
किसी भी लक्ष्य की प्राप्ति के लिए सबसे जरूरी है अपने अंदर की क्षमता को पहचानना। अगर आप किसी चीज की इच्छा रखते हैं और उसे पाना चाहते हैं तो सबसे पहला कर्म है कि आप अपने अंदर की क्षमता को पहचाने और स्वयं से दृढ संकल्प करें कि आप उस कार्य को करने में पूर्णता सक्षम हैं । फिर लक्ष्य की प्राप्ति होने से आपको कोई भी नहीं रोक सकता है ।
श्रीमद्भागवत गीता में भगवान श्रीकृष्ण के द्वारा बताए गए प्रत्येक उपदेश मनुष्य के जीवन में सकारात्मक परिणाम प्रदर्शित करने वाले हैं ।
1 टिप्पणियाँ
Bhut sahi
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