संभावनाओं की तलाश-एक कविता,संभव,शाम्भवी पाण्डेय

 

संभावनाओं की तलाश-एक कविता,  Exploring Possibilities - A Poem,संभव,shambhav, शाम्भवी पाण्डेय

-------------------------------------------------------------

संभावनाओं की तलाश में 

विचारों के विकास में

आकाश की विशालता बनकर 

दिल खोलना सीखो।


सोच को व्यापक करो 

दृष्टिकोण को समावेशी

औरों की मदद करने को

 रहो हमेशा रेडी।

                         


मन और विश्वास को 

ना करो कभी प्रतिबंधित 

विचार सदा ऊंचा हो और

 क्षमता हो असीमित।


रखो ना हौसलो की 

कोई निश्चित सीमा 

अनुभव पाने के लिए 

कल्पना कि न हो कोई सीमा।


धरती जैसा विनम्र बनो 

स्वयं की शक्ति सक्रिय करो

खुद को भी समृद्ध करो 

औरो में भी ओज भरो।


सकारात्मकता की ऊर्जा से

 खुद को ओत-प्रोत करो

भूतकाल से सबक लेकर

 वर्तमान को बेहतर करो ।।


 


एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ