सफलता प्राप्ति के लिए ,गायत्री मंत्र एक वरदान

सफलता प्राप्ति के लिए  ,गायत्री मंत्र एक वरदान 


बचपन में सुबह जगाकर पिताजी का यह कहना  "सूर्योदय हो गया है सूर्य भगवान को प्रणाम कर एक बार गायत्री मंत्र का पाठ करो "। उनका स्नान करने के बाद यह कहना कि भगवान को प्रणाम कर कम से कम एक बार गायत्री मंत्र पढ़ो । भोजन के पहले पुनः यह कहना कि भोजन मंत्र  का पाठ करो । 

इससे बचपन से ही मन में यह प्रश्न था कि  आखिर यह मंत्र है क्या ? इसकी वैज्ञानिकता क्या है ? और क्यों इसका जाप/पाठ करने के लिए बोला जाता है? यह मंत्रोच्चारण हमारे लिए किस प्रकार उपयोगी है ? अनेक विद्वान साधु जनों ने जो इतनी सिद्धियां, उपलब्धियां प्राप्त की हैं, क्या उनका आधार मंत्र ही है? इन्हीं प्रश्नों का उत्तर तलाशने के क्रम में शब्द की शक्ति, शब्दों की वैज्ञानिकता, मंत्रों की वैज्ञानिकता , गायत्री मंत्र का महत्व, क्यों गायत्री मंत्र  को महामंत्र कहते हैं ?  यह लेख प्रारंभ किया गया।


    गायत्री मंत्र क्या है ? गायत्री मंत्र का अर्थ क्या है ?What is the Gayatri Mantra and what is its meaning? 


    यूं तो हर मंत्र का अपना विशेष महत्व है परंतु गायत्री मत्र अन्य मंत्रों की तरह सामान्य दिखने के बावजूद भी विशेष महत्व रखता है। यह मंत्र सविता देवता का मंत्र माना जाता है जिसका नियमित जप व्यक्ति में चमत्कारिक परिवतन ला केर उसके व्यक्तित्व को परिमार्जित करता है |


    ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्।

    उस प्राण स्वरूप ,दुख नाशक, सुख स्वरूप ,श्रेष्ठ ,तेजस्वी ,पापनाशक,देवस्वरूप परमात्मा को हम अपने अंतःकरण में धारण करें वह परमात्मा हमारी बुद्धि को सन्मार्ग की ओर प्रेरित करें |

    गायत्री मंत्र


     

    गायत्री मंत्र का लाभ और महत्व  क्या  है ?What is the benefit and importance of Gayatri Mantra?


    गायत्री मंत्र को महामंत्र भी कहते है | गायत्री मंत्र शब्द शक्ति और मंत्रों की वैज्ञानिकता से ही जुड़ा हुआ है |

    शब्द शक्ति, शब्द एवं ध्वनि में निहित शक्तियों के बारे में बताती है यहाँ यह समझना जरूरी है की शब्द और ध्वनि एक ही है| शब्द की सबसे छोटी इकाई वर्ण है जो लिखित रूप है ;लेकिन जब इसका उच्चारण किया जाता है तो ये ध्वनि कहलाती है | यह ध्वनि स्वर ग्रंथियों से उच्चारित होती है और स्वर ग्रंथियों से जुड़ी अन्य ग्रंथियों में कम्पन उत्पन्न करती है जिसका विस्तृत विवरण शब्द शक्ति वाले लेख में किया गया है |


    शब्द शक्ति/ शब्दों की वैज्ञानिकता लेख पढें।


    मंत्र ,शब्द की शक्ति पर आधारित है और शब्द के उच्चारण के वैज्ञानिक प्रभाव पर टिका है| इसी का विस्तार गायत्री मन्त्र में हुआ है | मंत्र शक्ति और उसकी वैज्ञानिकता के बारे में detail लेख पूर्व में लिखा गया है |

    मंत्रों की वैज्ञानिकता लेख पढें।


    गायत्री मंत्र 09 शब्दों और 24 अक्षरों से मिलकर बना है | गायत्री मंत्र में अक्षर एवं शब्दों का विशिष्ट क्रम ,अक्षर एवं शब्दों का विशेष गुण्ठन हुआ है | इसीकारण उच्चारण करने पर मंत्र का प्रत्येक अक्षर अदृश्य कोश एवम चक्र पर विशिष्ट चोट कर ,व्यक्ति में विशेष परिवर्तन लाते हैं । गायत्री मंत्र में 24 अक्षर हैं जिनका संबंध शरीर में स्थित ऐसी 24 ग्रंथियों से है जो जागृत होने पर सद्बुद्धि प्रकाशक शक्तियों को सतेज करती है |


    सफलता प्राप्ति के लिए  ,गायत्री मंत्र एक वरदान

    गायत्री मंत्र के उच्चारण से सूक्ष्म शरीर का सितार 24 स्थानों से झंकार देता है और उससे एक ऐसी स्वर लहरी उत्पन्न नहीं होती है जिसका प्रभाव अदृश्य जगत के महत्वपूर्ण तत्वों पर पड़ता है। शक्ति केंद्र जागृत होने से व्यक्ति को विशेष सिद्धियां प्राप्त होती हैं । धीरे-धीरे मंत्रोच्चार से व्यक्ति ( ध्वनियों के वर्तुल तरंगे जो प्रकृति में व्याप्त हैं ) उनसे तारतम्य बैठाने लगता है और प्रकृति के अनेक गुप्त संकेतों को प्राप्त करने लगता है,जो शायद सर्वसाधारण के लिए असंभव होता है। इसी वैज्ञानिकता के कारण अनेक साधु-संत अपने चेतना को जागृत करते हैं और प्रकृति के संकेतों को पूर्व में ही जान लेते है। 

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