विश्व पर्यावरण दिवस 2022
बच्चों को कैसे सिखाएं पर्यावरण संरक्षण?
बच्चों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने के लिए उनके माता -पिता, गार्जियन एवं टीचर की बहुत बड़ी भूमिका होती है क्योंकि हम बच्चों में जो विचार देते हैं, वही विचार बच्चों में विश्वास को जन्म देते हैं और उसी विश्वास से बच्चों का व्यवहार बनता है । यदि हम उन्हें पर्यावरण संरक्षण से संबंधित जानकारी देंगे तो कहीं ना कहीं आगे चलकर वे पर्यावरण संरक्षण की आदत बनाते हैं और पर्यावरण को सुरक्षित रखना अपनी जिम्मेदारी मानकर कार्य करना प्रारंभ कर देते हैं।
क्या करें,क्या ना करें
बच्चों में पर्यावरण संरक्षण के लिए सबसे पहले उनको क्या करें,क्या ना करें की जानकारी देते रहें।
- जैसे प्लास्टिक का कम से कम प्रयोग करना।
- रिसाइकिल बैग,झोले में सामान ले आना।
- पानी की प्लास्टिक बोतल के स्थान पर अपनी बोतल का प्रयोग करना।
- किसी दिन विशेष ,जन्मदिन आदि पर वृक्षारोपण करना।
- जल का संरक्षण करना ।अनावश्यक पानी को बहने से रोकना ||
- पशुओं के साथ अच्छा व्यवहार करना ।
- बच्चों को जहां-तहां कचरा डालने से रोकना।
- बिजली की बचत, उपयोग के पश्चात अनावश्यक जलने वाली लाइट और विद्युत उपकरण को बंद करना।
- भोजन की बर्बादी को रोकने हेतु जितना आवश्यक हो उतना ही भोजन थाली में लेने को प्रेरित करना आदि।
स्कूलों में बच्चों को पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन के प्रति जागरूक करने के लिए आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रमों में, सांस्कृतिक कार्यक्रम, डिबेट में सम्मिलित होने हेतु प्रोत्साहित करें तथा स्वयं भी डिबेट की तैयारी उपलब्ध सामग्री के साथ बेहतर ढंग से करें।
सुरक्षित पर्यावरण सुरक्षित भविष्य
पर्यावरण संरक्षण वर्तमान समय के लिए विशेष रूप से प्रासंगिक हैं । हम सभी को अपने आसपास साफ-सुथरा प्राकृतिक शांति प्रदान करने वाला वातावरण पसंद है ,पर हम में से कितने लोगों ने प्रकृति की हरियाली की छटा देखी है ? सुबह-शाम चिड़ियों की चहचहाहट सुनते हैं? ऐसा दिन प्रतिदिन दुर्लभ होता जा रहा है। हम सब अपने जीवन शैली की अंधी दौड़ में पर्यावरण एवं प्रकृति को अनदेखा कर रहे हैं जिसके परिणाम स्वरूप हमारा पर्यावरण प्रदूषित होता जा रहा है और नई नई बीमारियों को जन्म दे रहा है।
पर्यावरण दिवस
वर्ष 1974 से प्रत्येक वर्ष 5 जून पूरी दुनिया में विश्व पर्यावरण दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। जिसका उद्देश्य पर्यावरण का संरक्षण करना तथा नई पीढ़ी को इसके प्रति जागरूक करना है ।
इस दिवस को मनाने की घोषणा संयुक्त राष्ट्र संघ के द्वारा पर्यावरण के प्रति वैश्विक स्तर पर जागृति लाने के लिए की थी, जिसे UNEP [United nations environmental programs] के नाम से जाना जाता है।
पर्यावरण दिवस 2022 की थीम:
दुनिया में लगातार प्रदूषण बढ़ रहा है और पर्यावरण दिवस मनाने की शुरुआत प्रदूषण को रोकने के उद्देश्य से हुई है, ताकि लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक किया जाए और प्रकृति को प्रदूषित होने से बचाने के लिए प्रेरित किया जा सके।
इसके लिए प्रत्येक वर्ष एक थीम के साथ पर्यावरण दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है और विश्व पर्यावरण दिवस 2022 की थीम है 'प्रकृति के साथ सद्भाव में रहना' यानी कि "Only One Earth" ।
पर्यावरण क्या है? पर्यावरण प्रदूषण कैसे होता है ?
पर्यावरण का अर्थ है हमारे चारों ओर का आवरण । वह आवरण जहां प्रकृति की गोद में जीवन है । हम मनुष्य दिन प्रतिदिन तरक्की की ओर अग्रसर हैं, जिसमें भौतिक सुख-सुविधाए जीवन का महत्वपूर्ण अंग बन गई है। एसी,फ्रिज,गाड़ी,साउंड-सिस्टम,बड़ी बड़ी फैक्ट्री आदि भौतिक सुख- सुविधावादी चीजें हैं जो हमें सुविधा देने के साथ प्रदूषण भी फैला रही हैं।वायु प्रदूषण ,जल प्रदूषण ,ध्वनि प्रदूषण आदि पर्यावरण को प्रभावित कर रहे हैं।
जागरूकता
बचपन से ही हम पर्यावरण दिवस मनाते आ रहे हैं, और पेड़ लगाने की बात सीख रहे हैं लेकिन कोरोना जैसी वैश्विक महामारी में ऑक्सीजन की कमी के कारण जो मृत्यु दर में बढ़ोतरी देखी गई,उससे हम सभी बहुत दुखी है।इसलिए हम सभी का प्रकृति के प्रति अपने कर्तव्य निर्वाह का दायित्व बनता है।जो लोग इस महामारी में सुरक्षित हैं और जो कोरोना की जंग जीते हैं,हम सभी एक-एक पौधा जरूर लगाएं।
सबसे ज्यादा ऑक्सीजन देने वाले पेड़
हिंदू धर्म में कुछ पेड़ जैसे पीपल ,बरगद, नीम ,तुलसी ,समी आदि को देवता समान पूजा हो जाता है। कहते हैं इनमें देवताओं का वास है।विज्ञान ने माना है कि यह पेड़ सबसे ज्यादा ऑक्सीजन देते हैं।जहां फलों के पेड़, फर्नीचर के काम में आने वाले पेड़ इत्यादि दिन में ऑक्सीजन और रात में कार्बन डाइऑक्साइड गैस का निर्माण करते हैं वही पीपल का पेड़ 24 घंटे ऑक्सीजन देता है।नीम और बरगद का पेड़ भी लगभग 22 घंटों तक ऑक्सीजन का निर्माण करता है ।अधिकतम मात्रा में ऑक्सीजन निर्माण करने के साथ ही साथ यह पेड़ नेचुरल एयर प्यूरीफायर भी है। ये वृक्ष प्राकृतिक सुंदरता भी बढ़ाते हैं और हमारे पर्यावरण को सुरक्षित भी रखते हैं।
पर्यावरण संरक्षण और भारतीय संस्कृति
पर्यावरण के संरक्षण में प्राचीन भारतीय संस्कृति एवं परंपरा का विशेष योगदान है। हमारे पूर्वजों ने प्रकृति की शक्तियों को जीवनदायिनी मानते हुए, उन्हें देवता का स्थान प्रदान किया है, क्योंकि वह प्रकृति को मनुष्य के पालन पोषण के लिए अनिवार्य मानते थे। उसे जीवन का अभिन्न अंग मानते हुए प्रकृति के पूजा अर्चना की व्यवस्था स्थापित की गई । भारतीय संस्कृति में जल, हवा,नदी,पर्वत,वृक्ष,पशु आदि को विशेष महत्व दिया गया है और उन्हें पूजनीय मानकर सुरक्षा और संरक्षण की व्यवस्था किया गया। सिंधु घाटी सभ्यता में पीपल के वृक्ष की मान्यता थी, तो बरगद के वृक्ष को भारतीय संस्कृत में पक्षियों का आश्रयदाता माना गया है। हमारे पूर्वजों ने पेड़ों को अनेक देवी देवताओं से संबंध किया, जिसमें पीपल में भगवान विष्णु, बरगद को भगवान शंकर ,और तुलसी को शालिग्राम की पत्नी के रूप में स्वीकार किया गया । पशुओं के संदर्भ में मत्स्य ,वराह ,कछप आदि अवतारों के माध्यम से उनकी महत्ता बताई गई है। जल को जीवन मानते हुए गांव में विभिन्न पर्व त्यौहार बनाए गए,जिनका उद्देश्य जल को स्वच्छ रखकर गंदगी मुक्त करना एवं इसके महत्व को स्वीकार करते हुए संरक्षण पर ध्यान देना है|
प्रकृति,जीवनदायिनी है, और बच्चे वर्तमान तथा भविष्य के बीच की सेतु है। हमें बच्चों को ही प्रकृति के प्रति जागरूक बनाना होगा।पर्यावरण के प्रति उन्हें उनके कर्तव्यों से अवगत कराना होगा।प्रत्येक वर्ष एक अभियान चलाना होगा कि घर का प्रत्येक सदस्य एक पौधा अवश्य लगाएं ।।

8 टिप्पणियाँ
बच्चों को पर्यावरण के बारे में बताना अति आवश्यक है आपका यह लेख सराहनीय है
जवाब देंहटाएंधन्यवाद।
हटाएंVery good
जवाब देंहटाएंपंच तत्व का एक है ये धन
जवाब देंहटाएंधरती पर इनसे है जन जीवन
प्राण वायु देते पीपल वन
नीम वृक्ष अन्य जीवन धन
चले पवन जब घिरे पेड़ वन
करें वरण ये परी आवरण
रूचि अभिरुचि ही पर्यावरण
विषय बिंदु है ये जन जीवन
करें समर्पण ये तन जीवन
पर्यावरण
...
आपका- विवेक
पंच तत्व का एक है ये धन
जवाब देंहटाएंधरती पर इनसे है जन जीवन
प्राण वायु देते पीपल वन
नीम वृक्ष अन्य जीवन धन
चले पवन जब घिरे पेड़ वन
करें वरण ये परी आवरण
रूचि अभिरुचि ही पर्यावरण
विषय बिंदु है ये जन जीवन
करें समर्पण ये तन जीवन
पर्यावरण
...
आपका- विवेक
धन्यवाद। कृपया आप इसी तरह हमारा उत्साह वर्धन करते रहें।
हटाएंबहुत सुन्दर व प्रेरणादायक प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंअति प्रेरणावर्धक विचार
जवाब देंहटाएंकृपया अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दें। जिससे हम लेख की गुणवत्ता बढ़ा सकें।
धन्यवाद