ध्रुव तारा हमेशा एक ही दिशा में क्यों दिखाई देता है?

                                                 


      

प्रश्न - खगोलिकी ,खगोल विज्ञान क्या है?

उत्तर -यह ब्रह्मांड अनेकों ग्रह ,उपग्रह, तारों ,आकाशगंगा एवं  उल्का पिंडों से मिलकर बना है |इन आकाशीय  पिंडों की बनावट,परिमाण, गति आदि के समग्र रूप से अध्ययन को खगोलिकी,खगोल विज्ञान कहते हैं।

खगोल भौतिकी, खगोल गतिकी,खगोल जैविकी आदी खगोलिकी की शाखाएं हैं। पृथ्वी अंतरिक्ष तथा उसमें उपस्थित सभी खगोलीय पिंडों को समग्र रूप से ब्रह्मांड कहते हैं।


प्रश्न- कैपलर का ग्रहीय गति का नियम क्या है?


उत्तर- ब्रह्मांड में सूर्य केंद्र में स्थित है तथा पृथ्वी सहित अन्य ग्रह सूर्य की परिक्रमा करते हैं ।जोहानस कैपलर ने सर्वप्रथम स्पष्ट किया कि सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाने वाले ग्रहों का पथ दीर्घवृत्तीय या अंडाकार है।


प्रश्न- ब्रह्मांड की उत्पत्ति से संबंधित सिद्धांत क्या है?


उत्तर -ब्रह्मांड की उत्पत्ति से संबंध में अलग-अलग वैज्ञानिकों ने अध्ययन कर के तीन सिद्धांत प्रस्तुत किए-

  1. बिग बैंग सिद्धांत

  2. साम्यावस्था सिद्धांत

  3. दोलन सिद्धांत

ब्रह्मांड की उत्पत्ति के संबंध में बिग बैंग सिद्धांत सर्वाधिक मान्य है। बेल्जियम के खगोलज्ञ एवं पादरी एब जार्ज लैमेन्टर ने 1966 ईसवी में इस सिद्धांत का प्रतिपादन किया था, जिसके अनुसार लगभग 13.7 अरब वर्ष पूर्व एक सघन बिंदु में नाभिकीय विखंडन के कारण विस्फोट हुआ, जिसे बिग बैंग कहा गया। इस घटना से ब्रह्मांड की उत्पत्ति हुई और तब से इस में निरंतर विस्तार हो रहा है।


प्रश्न- तारा या नक्षत्र क्या है?


उत्तर- तारे वे आकाशीय पिंड है जिनके पास अपना प्रकाश होता है,जैसे सूर्य एक तारा है। भार के अनुपात में तारों में 70% हाइड्रोजन, 28% हीलियम, 1.5% कार्बन,नाइट्रोजन व नियान तथा 0.5% लौह व अन्य भारी तत्व होते हैं।


प्रश्न- तारे का जीवन चक्र क्या है?


उत्तर- किसी तारे का जीवन चक्र आकाशगंगा में हाइड्रोजन तथा हीलियम गैसों के संघनन से प्रारंभ होता है। जो अत्यधिक छोटे-छोटे घने बादलों के रूप धारण कर लेते हैं।यह बादल स्वयं के गुरुत्वाकर्षण के कारण सिकुड़ता चला जाता है,इससे इनके केंद्र में नाभिकीय संलयन शुरू होता है, वा हाइड्रोजन के हीलियम में बदलने की प्रक्रिया प्रारंभ हो जाती है। इस अवस्था में यह तारा बन जाता है।

       केंद्र का हाइड्रोजन समाप्त होने के कारण तारे का केंद्रीय भाग संकुचित व गर्म हो जाता है किंतु बाह्य परत में हाइड्रोजन का हीलियम में बदलना जारी रहता है। धीरे धीरे तारा ठंडा होकर लाल रंग का दिखने लगता है।अब केंद्र में हीलियम,कार्बन में और कार्बन,भारी पदार्थ जैसे लोहा में परिवर्तित होने लगता है।इसके फलस्वरूप तारे में तीव्र विस्फोट होता है,जिसे सुपरनोवा कहते हैं। इस सितारे में दो स्थितियों में से कोई एक स्थिति आती है, या तो वह श्वेत वामन तारे white dwarf stars मे बदलता है या फिर न्यूट्रॉन तारे में।

यदि तारे का प्रारंभिक द्रव्यमान सूर्य के द्रव्यमान के बराबर हो तो वह श्वेत वामन तारा बनता है तथा यदि सूर्य के द्रव्यमान से बहुत अधिक हो तो उसका अंत विस्फोटक होता है,  वह न्यूट्रॉन तारा बनता है।


प्रश्न- ध्रुव तारा हमेशा एक ही दिशा में क्यों दिखाई देता है?


उत्तर- उत्तरी ध्रुव के ठीक ऊपर स्थित होने के कारण ध्रुव तारा हमेशा एक ही दिशा में दिखाई देता है | धरती अपनी धुरी पर पश्चिम से पूर्व की ओर परिक्रमा करती है, इसलिए ज्यादातर तारे पूर्व से पश्चिम की ओर जाते हुए नजर आते हैं. चूंकि ध्रुव तारा सीध में केवल मामूली झुकाव के साथ उत्तरी ध्रुव के ऊपर है इसलिए उसकी स्थिति हमेशा एक जैसी लगती है. तथा उसकी स्थिति में बदलाव काफी कम होता है, जिसके कारण हमें ध्रुव तारा स्थिर लगता है |


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