Happy father's day 2024 - एक पिता की चाहत

Happy father's day 2024-एक पिता की चाहत 

                                         


यूं तो एक दिन काफी नहीं पेरेंट्स डे मनाने के लिए। हर दिन खास होता है। क्योंकि वही खुशनसीब है इस दुनिया में, जिनके सिर पर माता-पिता की दुआओं का हाथ है। लेकिन यह बात व्यक्ति को उम्र के उस पड़ाव पर समझ आती है जब वह स्वयं पिता के उम्र में पहुँचता है।


आज हम अपने लेख के माध्यम से,उस व्यक्ति को अपनी छोटी सी कृतज्ञता व्यक्त करना चाहते हैं जो हमारे जीवन में महत्वपूर्ण भूमिकाओं में से सर्वप्रथम स्थान पर है। जी हां,एकदम सही समझे,हमारे पिता |


ऐसे तो वर्ष के 365 दिन में से मात्र 1 दिन पिता और बच्चे की आत्मीयता के लिए कुछ भी नहीं। फिर भी यह 1 दिन विशेष रूप से फादर्स डे के रूप में मनाये जाने का क्या विशेष कारण है? यह सोचने योग्य है।


         फादर्स डे के माध्यम से इस विशेष दिन अपने पिता को पूरे परिवार के लिए उनके योगदान, उनके सम्मान, महत्व एवं उनके प्रति प्रेम को प्रदर्शित करने का एक अच्छा अवसर हमे मिलता है।


जिस दिन अपने पैरट्स के आशीर्वाद से, सफलता में, हम उनसे एक कदम आगे बढ़ते हैं, अपने माता-पिता को गर्व महसूस कराते हैं, सही मायने में वही माता-पिता का सबसे बड़ा सम्मान है।

                                            

भारतीय समाज में पिता की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका रही है। यह उस छत के समान है जो धूप,धूल,वर्षा इन सबको सहते हुए भी कभी अपने अंदर रहने वालो पर संकट  नहीं आने देता है तथा उन्हें किसी भी प्रकार के कष्ट का पता नहीं चलने देता है।


 भारतीय समाज में पिता का नाम लेते ही एक ऐसे व्यक्ति का चेहरा उभरता है जिसके आने की आहट से ही टीवी में चलता हुआ गाना , न्यूज़ चैनल में बदल जाता है,बिस्तर पर लेटा हुआ बच्चा, सीधा बैठ जाता है, घर का मनोरंजन का वातावरण हल्के तनाव एवं शांति में बदल जाता है। क्या हमने कभी सोचा है कि आखिर में बचपन में ऐसा क्यों हो जाता था?


मेरे विचार से इन बातों का एक ही उद्देश्य है, वह है संस्कारों का बीजारोपण और उन संस्कारों एवं आदर्शों का पालन अनुशासित ढंग से करवाना। अनुशासन के बारे में एक पुरानी कहावत है कि-


Discipline is doing what needs to be done , even if you do not want to do it.

अनुशासन का मतलब वह कार्य करना है जो जरूरी है, भले ही आप उसे पसंद ना करते हैं।


लेकिन इन सब के पीछे पिता की भावना कभी प्रकट रूप से बच्चे तक नहीं पहुंच पाती थी, जिस कारण हमेशा एक दूरी बनी रहती थी। बच्चा भी अपनी कोई बात स्पष्ट रूप से पिता से नहीं कह पाता था।


परंतु आज के दौर में पिता और बच्चों के संबंधों में भावना की अभिव्यक्ति में क्रांतिकारी परिवर्तन देखने को मिलता है। आज जहां पिता अपने प्रेम एवं भाव को स्पष्ट रूप से अभिव्यक्त करता है वहीं बच्चे भी पिता को अपना मित्र मानते हैं,उनसे अपने सुख-दुख एवं सभी प्रकार की बातों को बताकर,उनके अनुभव का लाभ उठाने में सफल भी हुए हैं। 

Happy father's day

पिता पुत्र के इस बदलते संबंधों के दौर में भी पिता की सबसे बड़ी भूमिका अपने पुत्र को मार्गदर्शन देना और उनको सही बात बताना है । जब मैं अपनी बेटी को कुछ सिखाती हूं तो उसका यह कहना कि पापा मुझे सब आता है, सुनकर मुझे हंसी आती है और अपने उन दिनों को भी याद करती हूं, जब मैं खुद अपने पिता से ऐसे ही बोला करती थी। लेकिन पुत्र के देखने की दृष्टि, विचार करने का क्षेत्र ,पिता से सीमित होता है ; इसलिए पिता को हमेशा मार्गदर्शन देना चाहिए। क्योंकि ऐसा ना करने पर बेटा बड़ा होने पर पिता से पूछ सकता है कि जब मैं छोटा था ,मेरे विचार करने की शक्ति कम थी , तब आपने मुझे मार्गदर्शन क्यों नहीं दिया, गलत संगत, गलत दिशा जाने पर क्यों नहीं टोका, जबकि आपने दुनिया मुझसे ज्यादा अनुभव था।


एक पिता की चाहत

समाज के बढ़ते पश्चिमीकरण के परिणाम स्वरूप, वृद्धाश्रम की संख्या में वृद्धि से हम सब दिन प्रतिदिन परिचित हैं। ऐसे में एक पिता अपने बच्चे से मात्र इतना ही चाहता है कि…


    आज उंगली पकड़ कर तेरी तुझे मैं चलना सिखलाऊ,

कल हाथ पकड़ना मेरा जब मैं बूढ़ा हो जाऊं।


इस फादर्स डे पर हम सब एक संकल्प लें कि आज से प्रत्येक दिन, पूरे दिन में कम से कम एक बार हम अपने माता-पिता का आशीर्वाद एवं उनकी कुशल क्षेम पूछेंगे। उन्हें यह एहसास जरूर कराएगे कि हम उनके बच्चे हैं और सम्मान पाना उनका अधिकार है, हम गौरवशाली हैं,क्योंकि हम को पिता के रूप में आप मिले हैं।



   Happy father’s day

एक टिप्पणी भेजें

2 टिप्पणियाँ

  1. बहुत ही सुंदर शब्दों में वर्णन किया गया है

    जवाब देंहटाएं
  2. ये सच है कि माँ का गुणगान युगों युगों से गाया जाता रहा है-पिता को अंडररेटेड रखा गया है। पुराने दौर में वाकई माओं पर बहुत बोझ और बड़ी जिम्मेदारियां थी।पर आज के दौर में तटस्थ विवेचना करें तो ज्यादा मामलों में पिता की जिम्मेदारियां अधिक है।

    जवाब देंहटाएं

कृपया अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दें। जिससे हम लेख की गुणवत्ता बढ़ा सकें।
धन्यवाद