नवजात शिशु की देखभाल कैसे करें? How to take care of newborn baby?

                                                       

नवजात शिशु की देखभाल कैसे करें?

नवजात शिशु के देखभाल, पोषण एवं स्वास्थ्य से संबंधित, क्या करें -क्या ना करें के बारे में संक्षेप में जाने|




    बचपन बच्चे और मनोविज्ञान श्रृंखला का  पहला लेख 

    मेरा यह विषय, जहां पहली बार मां बनने वाली महिलाओं में जानकारी के साथ एक आत्मविश्वास जागृत करेगा कि किस प्रकार वे अपने नवजात शिशु का ध्यान रखें और उनका लालन-पालन सुचारू रूप से करें। वही पूर्व में मां बन चुकी महिलाएं,जो इस दौर के अनुभव से गुजर चुकी हैं,इस लेख के माध्यम से, अपने घर परिवार की अन्य महिलाओं, बहूओ, बेटियों को भी जागरूक कर सकेंगी कि कैसे वे अपने नवागंतुक बच्चे की देखभाल करें ? जिससे उनका नवजात शिशु सभी प्रकार की बीमारी / संक्रमण से दूर रहे तथा एक स्वस्थ एवं निरोगी जीवन की शुरुआत करें।


    नवजात शिशु की देखभाल कैसे करें?


    पहली बार माता-पिता बनने का एहसास अलग ही होता है| गर्भावस्था प्रारंभ होते ही जहां एक तरफ हम भविष्य की उन सुखद पलों में कल्पनाशील हो आने वाले संतान की तैयारी के विषय में विचार करते हैं, वहीं दूसरी तरफ नवजात शिशु के लालन-पालन से जुड़ी चुनौतियों के लिए भी हम खुद को तैयार कर रहे होते हैं | तो आइए हम जानते हैं कि नवजात शिशु की देखभाल में क्या-क्या बातें आवश्यक है-


    क्या करें और क्या ना करें -

    • नवजात शिशु को जन्म के तुरंत बाद सूखे व गर्म कपड़े में लपेट देना चाहिए|
    • मौसम के अनुसार अच्छी तरह ढका और गर्म रखना चाहिए|
    • नवजात शिशु के सिर और पैर भी ढके होने चाहिए|
    • जन्म के पहले 48 घंटे तक शिशु को स्नान ना कराएं|
    • जन्म के 1 घंटे के भीतर नवजात शिशु को स्तनपान कराना शुरू करें|
    • शिशु को केवल मां का दूध पिलाएं तथा हर बार दूध पिलाने के पश्चात डकार जरूर दिलवाए|
    • नवजात शिशु को पहले 24 घंटे में कम से कम एक बार मल और 48 घंटे में कम से कम एक बार मूत्र करनी चाहिए|
    • यदि नवजात शिशु का वजन 2.5 किलोग्राम से कम है तो उसकी विशेष देखभाल करें|
    • शिशु को कम से कम लोगों के संपर्क में रखें क्योंकि कोरोनावायरस से हम सब पूर्व परिचित है इसलिए सैनिटाइजेशन पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है |


    नवजात शिशु की स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं क्या-क्या है? What are the health problems of newborn baby?


    कई बार देखा गया है कि देखभाल और सावधानी रखने के बाद भी नवजात शिशु किसी संक्रमण / बीमारी से ग्रसित हो जाता है | चूँकि गर्भाशय में बच्चा एक निश्चित वातावरण में होता है और जन्म लेने के पश्चात नवजात शिशु के लिए अचानक से वातावरण में बदलाव आ जाता है | अभी शिशु के शरीर में प्रतिरोधक क्षमता विकसित नहीं हुई होती है| इसलिए शिशु में स्वास्थ्य संबंधी कुछ असामान्य  लक्षण  देखते ही तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना आवश्यक है |

    नवजात शिशु के स्वास्थ्य संबंधी खतरे के संकेत- 

    Signs of health hazard of newborn baby-

    1. सांस लेने में कठिनाई,
    2. मां का दूध ना पी पाना,
    3. मल मूत्र ना कर पाना,
    4. नाल में मवाद आना,
    5. शरीर का ऐठ जाना,
    6. पीलिया,
    7. बुखार आना,
    8. बच्चे का सुस्त और निष्क्रिय लगना,
    9. आंखों में लाली या किसी प्रकार का संक्रमण,
    10. सांस लेते समय छाती का धसना,
    11. बच्चे के बाह के नीचे का तापमान35.5 डिग्री सेल्सियस से कम होना,
    12. कोई जन्मजात विकृति देखना,

    नवजात शिशु में उपरोक्त में से किसी भी प्रकार की असमान्य स्थिति होने पर तुरंत चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए | समय से इलाज बच्चे को एक स्वस्थ जीवन दे सकता है |


    नवजात शिशु के लिए टीकाकरण क्यों आवश्यक है? Why is vaccination necessary for a newborn?


    नवजात शिशु बहुत ही नाजुक होते हैं | उनके शरीर में संक्रमण से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता अभी धीमे-धीमे विस्तृत हो रही होती है| ऐसे में टीकाकरण बचपन की तमाम गंभीर बीमारियों से बच्चे को सुरक्षा प्रदान करता है| बच्चों की इम्युनिटी सिस्टम को मजबूत करता है|

                अपने बच्चों को जानलेवा और विकलांग बना देने वाली बीमारियों जैसे टीवी, हेपेटाइटिस बी ,पोलियो, काली खासी, टिटनेस, डिप्थीरिया, निमोनिया ,दस्त रोग ,खसरा, रूबेला रोग, दिमागी बुखार आदि से सुरक्षित रखने के लिए टीकाकरण अवश्य करवाएं |सभी सरकारी हॉस्पिटल में ये टीकाकरण निःशुल्क और सुरक्षित लगाये जाते हैं |


    टीकाकरण के बाद बच्चों को बुखार आ सकता है ,थोड़ा लाली पन हो सकता है, बच्चा काफी  परेशान हो सकता है ,लेकिन यह सामान्य होता है| यह लक्षण है कि बच्चे के शरीर में संक्रमण से लड़ने के लिए एंटीबॉडीज तैयार होना शुरू हो गई है|



    नोट :- नवजात शिशु में किसी भी प्रकार की असामान्य स्थिति होने पर तुरंत चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए | 


    सन्दर्भ :-स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय , महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा जारी एम.सी.पी. कार्ड |


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    इस लेख को पढ़ने और हमारा मनोबल बढ़ाने के लिए आप सभी को धन्यवाद । आप सभी इस लेख के बारे में अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दें, साथ ही यह भी बताएं बच्चों से संबंधित वह कौन सा विषय है जिस पर हम अपने लेख में चर्चा करें और वह हम सभी के लिए लाभकारी हो।


    -धन्यवाद 

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    6 टिप्पणियाँ

    1. ठीक लिखा है सही बात है बचपन से ही बच्चों मे ध्यान देने की जरूरत है

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      उत्तर
      1. उत्साह वर्धन के लिए धन्यवाद भैया जी .

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    2. ठीक लिखा है सही बात है बचपन से ही बच्चों मे ध्यान देने की जरूरत है

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    3. प्रत्येक नव अभिवावक के लिए अच्छी और महत्वपूर्ण जानकारी

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