अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस 2022 in hindi

अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस 2022,अर्थ, महत्व, निबन्ध, भाषण, कब, कैसे,आवश्यकता, शिक्षा का अधिकार in hindi 

                                    
                                                
अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस 2021,अर्थ, महत्व ,आवश्यकता, शिक्षा का अधिकार in hindi

    साक्षरता का अर्थ एवं महत्व:

    साक्षरता का अर्थ है पढ़ने-लिखने की क्षमता से संपन्न होना।

    साक्षरता प्रकाश के समान है और निरक्षरता अंधकार के समान। जिस प्रकार जब हम अंधेरे में होते हैं तब हम अपने कार्यों को करने के लिए दिए की तलाश करते हैं | 

    उसी प्रकार शिक्षा के अभाव में हिसाब के मामलों में,सरकारी योजनाओं के लाभ के बारे में,बैंकों के काम में, हर जगह पिछड़ जाते हैं और दिए के समान किसी शिक्षित व्यक्ति की तलाश में लग जाते हैं जो हमारी मदद करें।

    अच्छा जीवन जीने के लिए,गरीबी उन्मूलन,जनसंख्या नियंत्रण, लैंगिक समानता, बाल एवं मातृ सुरक्षा तथा मृत्यु दर कम करने के लिए एवं सबसे महत्वपूर्ण स्वयं के साथ-साथ देश की उन्नति के लिए प्रत्येक व्यक्ति का साक्षर होना जरूरी है।

    अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस कब मनाया जाता है:

    1966 यूनेस्को ने, शिक्षा के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाने, मानव विकास और समाज के लिए उसके अधिकारों को जानने और साक्षरता की ओर दुनिया भर के लोगों का ध्यान आकर्षित करने के लिए प्रत्येक वर्ष 8 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाने का निर्णय लिया था। प्रत्येक वर्ष एक नए उद्देश्य के साथ विश्व साक्षरता दिवस मनाया जाता है।

    क्या करें, इस अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस:

    वर्तमान युग में शिक्षा बहुत आवश्यक है। भारत सरकार द्वारा साक्षरता वृद्धि के लिए कई योजनाएं लागू की गई जैसे-

    • सर्व शिक्षा अभियान (2000-2001)

    •  मिड डे मील योजना  (1995)

    • प्रौढ़ शिक्षा योजना (1988)

    • राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान

    • राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (2013)

    • कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय योजना (2004)

    • ओपन एजुकेशन

    इस दिशा में हम-आप भी मिलकर एक छोटा कदम साक्षरता के विकास की दिशा में उठा सकते हैं।

    • किसी गरीब बच्चे को पढ़ा कर

    • शिक्षा दान करके

    • शिक्षा के महत्व का एहसास उस वर्ग को समझा कर जो भोजन के लिए मजदूरी आसानी से कर सकते हैं लेकिन शिक्षा के सरकारी योजना का लाभ नहीं उठाते

    • गरीब और पिछड़े क्षेत्रों में सरकार की शिक्षा संबंधी योजनाओं की जानकारी फैलाकर

    • शिक्षा को मात्र रुपए कमाने का साधन ना समझ कर गरीब अमीर दोनों वर्गों की एक समान शिक्षा व्यवस्था हो

    भारत में साक्षरता:

    उच्च कोटि की उच्चतर शिक्षा प्रदान करने वाले विश्व के अग्रणी देशों में भारत देश का भी नाम आता है।

             स्वतंत्र भारत में,प्रत्येक सरकार शिक्षा से जुड़ी नई-नई योजनाएं लाती रही हैं। 1947 में देश की12% साक्षर थी। 2007 तक यह बढ़कर 68%हुई। 2011 में यह बढ़कर 74%हो गई। लेकिन फिर भी यह विश्व के 84%से बहुत कम है।

        2020 तक भारत में पुरुष साक्षरता दर 70.3% तथा महिला साक्षरता दर 84.7% रही है।

          96.2%साक्षरता के साथ केरल एक बार पुनःदेश में सबसे साक्षर राज्य बना है।

    शिक्षा का अधिकार:

    2002 में, संविधान के 86वें संशोधन अधिनियम 'शिक्षा के अधिकार' के माध्यम से 21 A में सम्मिलित किया गया जिसमें कहा गया-

                   राज्य विधि बनाकर के यह निर्धारित करे हैं कि 6 वर्ष से 14 वर्ष की आयु के सभी बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा प्रदान की जाए।

    इस अधिकार को व्यवहारिक रूप देने के लिए संसद में निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा अधिनियम 2009 में पारित हुआ, जो 01अप्रैल 2010 से लागू हुआ।

    जागरूकता की आवश्यकता:

    साक्षरता का अर्थ केवल पढ़ना-लिखना ही नहीं अपितु साक्षरता का अभिप्राय लोगों को उनके अधिकारों और कर्तव्य के प्रति जागरूकता लाना और सामाजिक आधार को मजबूत बनाना है।

    शिक्षा से व्यक्ति निर्माण होता है,व्यक्तित्व से समाज निर्माण,समाज निर्माण करके ही राष्ट्र निर्माण संभव है। इसलिए शिक्षा बहुत आवश्यक है।

    आइए, हम सब मिलकर शिक्षा का यह उत्सव मनाएं। समाज को उसकी जिम्मेदारी निभाने का यह एक अच्छा अवसर है।


    FAQ

     
     साक्षरता बढ़ाएं देश को उन्नत बनाएं।

    एक टिप्पणी भेजें

    1 टिप्पणियाँ

    कृपया अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दें। जिससे हम लेख की गुणवत्ता बढ़ा सकें।
    धन्यवाद