हरतालिका तीज 2021

 हरतालिका तीज 2021, महत्व ,पूजन ,कथा ,लाभ in hindi

       


हमारी सनातन संस्कृति में कई देव परिवारों की महिमा का वर्णन है लेकिन शिव परिवार ही क्यों आदर्श बना ?


पति पत्नी के बेहतर संबंधों और मंगलकारी परिवार के लिए शिव परिवार की पूजा क्यों विशेष महत्व रखती है


इस व्रत का महत्व-


हमारे पुराणों में भगवान शंकर और माता पार्वती के कई प्रसग सुनने को मिलते हैं जो हमारे लिए आदर्श स्थापित करते हैं | शिव पुराण से लेकर श्रीरामचरितमानस तक कई ग्रंथों में भगवान शिव और माता पार्वती विश्वास और श्रद्धा की संज्ञा प्राप्त है |


जब पति पत्नी में एक दूसरे के प्रति श्रद्धा और विश्वास होगा तभी वह आदर्श और मंगलकारी परिवार होगा इसी आदर्श परिवार की मनोकामना से सौभाग्य की प्राप्ति के लिए महिलाएं हरतालिका तीज व्रत करती हैं |


हरतालिका तीज व्रत कब और क्यों मनाते हैं?


हरतालिका तीज व्रत भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाया जाता है | अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए महिलाएं यह व्रत करती हैं ,साथ ही कुंवारी लड़कियों इक्षित वर की कामना से तीज व्रत रखती हैं |


 इस व्रत का मुख्य उद्देश्य कल्याण की कामना है, परिवार में भी और दांपत्य जीवन में भी |


शिव प्रसंग में शक्ति के दो रूपों का वर्णन है - 


 पहला सती और दूसरा पार्वती |


जहां मां सती का प्रसंग सम्मान की रक्षा के साथ जिद्द भी माना जाता है तो वही मां पार्वती जी के समर्पण और अक्षत सुहाग की अधिष्ठात्री माना जाता है


हम सभी स्त्रियां मां पार्वती के रूप को अंगी कार करते हैं क्योंकि इसी रूप में मान्य आदर्श परिवार और परिवार के आदर्शों की स्थापना की।


निर्जला व्रत करने का कारण


भगवान शिव कल्याण के रूप है और मां पार्वती कल्याणी | हरतालिका तीज व्रत कल्याण का व्रत है जिस प्रकार मां पार्वती का सुहाग अक्षत है , उसी तरह हमारा सुहाग भी अक्षत रहे | इसी प्रार्थना से हम महिलाएं तीज व्रत करती हैं|


हम सभी महिलाएं अपने जीवन काल में अपने परिवार के लिए कभी न कभी कुछ ना कुछ समर्पण करते रहते हैं | हरतालिका व्रत में अन्न जल का त्याग इसी संकल्प का हिस्सा माना जाता है|


जिस प्रकार देवी शक्ति पूर्व जन्म में सती के रूप में भगवान शिव के वाम भाग में विराजी , उसी प्रकार अगले जन्म में मां पार्वती के रूप में अवतरित हो भगवान शंकर को पाने के लिए अन्न जल त्याग कर घोर तप किया |


तब उन्हें भगवान शिव पति के रूप में प्राप्त हुए | तब से सभी स्त्रियां इच्छित वर की कामना तथा अच्छा सुहाग और सौभाग्य की प्राप्ति के लिए हरितालिका तीज व्रत निर्जला रहा करती हैं


दांपत्य जीवन में व्रत के लाभ


वैवाहिक जीवन में मजबूती और खुशहाली के लिए पति पत्नी के बीच प्रेम व विश्वास श्रद्धा तथा समर्पण का होना अति आवश्यक है| पति-पत्नी को एक-दूसरे की भावना का सम्मान करते हुए अपनी जिम्मेदारी को पूरा करना चाहिए |


यह व्रत समर्पण और सम्मान के प्रतीक हैं जो पति पत्नी के बीच आपसी संबंधों को मजबूती देते हैं और दांपत्य जीवन प्रेम से भर देते हैं |


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