बिहार दिवस 2022, बिहार आइए -एक कविता, Bihar day, शाम्भवी पाण्डेय, संभव

बिहार दिवस 2022, बिहार आइए -एक कविता, Bihar day, शाम्भवी पाण्डेय, संभव



पितरों को तारना है तो बिहार आईये

चाहिए बुद्ध का ज्ञान तो बिहार आइए

देखना है मगध की शान तो बिहार आईए

यहीं है नालंदा , पुरातन ज्ञान की पहचान 

देखना हो ऐसा स्थान तो बिहार आईये

विरासत पर करना है अभिमान तो बिहार आईए


                     
बिहार दिवस 2022, शाम्भवी पाण्डेय, संभव

                    

यहाँ है जन्म स्थली माँ जानकी की

यहाँ जनमे सिक्खों के दसवें गुरु महान

यहाँ चौबीसवें जैन तीर्थंकर लिए निर्वाण

ऐसी पुण्य भूमि को करें हम शत शत प्रणाम

देखना हो ऐसा स्थान तो बिहार आईये

धर्म पर करना है अभिमान तो बिहार आईए



                     



बाल्मीकि उद्यान बना बाघों की शान 

तिलहार कुण्ड है प्रकृति का अभिमान

सिमुलतला मिनी शिमला ऑफ बिहार 

राजगीर और गया है बिहार की पहचान

देखना हो ऐसा स्थान तो बिहार आईये

प्रकृति पर करना है अभिमान तो बिहार आईए



यहां उगता है आस्था का सूर्य

यहां होता है ढलते सूर्य का भी सम्मान

यहां दिनकर और विद्यापति जैसे कवि महान

जिनकी रचनाएं भरे जन मानस में प्राण

देखना हो ऐसा स्थान तो बिहार आईये

अपनी संस्कृति पर करना है अभिमान तो बिहार आईए



करना है प्रकृति का दीदार तो बिहार आईए

जानना है विश्व ज्ञान का केंद्र तो बिहार आइए

गणितज्ञ आर्यभट्ट महान जिन्होंने दिया पाई का मान

वैशाली ने दिया विश्व को प्रथम गणतंत्र का ज्ञान

अपने स्वर्णिम इतिहास, साहित्य और संस्कृति पर है अभिमान तो बिहार आईए

यही है देश का प्राण बिहार आइए

देखना हो ऐसा स्थान तो बिहार आईये ।



यही है देश का प्राण बिहार आइए

देखना हो ऐसा स्थान तो बिहार आईये ।



      

                      - शाम्भवी पाण्डेय

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