बीमारी के दौरान शिशु का आहार कैसा हो,संभव,शाम्भवी पाण्डेय, (what should be the diet of the baby during illness)
बीमारी के दौरान शिशु का आहार कैसा हो,संभव,शाम्भवीपाण्डेय,(baccho k bimari k smay aahar kaisa ho/what should be the diet of the baby during illness)
बदलते मौसम में सिर्फ हम बड़े ही नहीं बल्कि हमारे नवनिहाल शिशु भी प्रभावित होते हैं । ऐसे में शिशु के किसी प्रकार के संक्रमण से ग्रसित हो जाने पर उनमें चिड़चिड़ापन आ जाता है, वे बहुत रोते है और उस समय उनके आहार की रूटीन भी गड़बड़ हो जाती है ।
बचपन, बच्चे और उनके मनोविज्ञान की आज की इस श्रृंखला में हम चर्चा करेंगे कि बीमारी के दौरान शिशु का आहार कैसा होना चाहिए ?
बीमारी के दौरान कैसा हो शिशु का आहार :
शरीर में किसी भी प्रकार के संक्रमण होने पर सबसे पहले हमारा पाचन तंत्र प्रभावित होता है, ऐसे में हमें भूख नहीं लगती या फिर कम लगती है l
किसी प्रकार के वायरल से संक्रमित होने पर हमारे शिशुओं के खानपान पर भी ऐसा ही प्रभाव देखने को मिलता है । ऐसे में हर माँ की यही चिन्ता होती है कि वह अपने शिशु को क्या खिलाए और कितना खिलाए ?
बीमारी के दौरान शिशुओं का आहार कैसा हो इसे हम तीन चरणों में समझेंगें -
1* छः माह से कम उम्र का शिशु '
2* छः माह से अधिक उम्र का शिशु
3* माँ की बीमारी के दौरान
छः माह से कम उम्र का शिशु :
पहले छः माह तक केवल स्तनपान सुनिश्चित करें।
माँ के दूध के अलावा कुछ भी पिलाने से शिशु को संक्रमण हो सकता है।
बोतल से तरल पदार्थ पिलाना हानिकारक है।
आंगनबाड़ी केन्द्र पर सेविका दीदी एवं ए.एन.एम. द्वारा मिलने वाले सलाह एवं निर्देशों को माने, खासकर जब शिशु तीन माह की आयु का हो।
चिकित्सीय राय अवश्य ले ।
बीमारी के दौरान स्तनपान जारी रखें और पहले से अधिक बार स्तनपान कराएं।
बीमारी के बाद स्तनपान बढ़ायें और शिशु की मांग के अनुसार स्तनपान करायें।
छः माह से अधिक उम्र का शिशु :
छः माह के बाद ऊपरी आहार के साथ स्तनपान जारी रखें।
दो वर्ष तक स्तनपान सुनिश्चित करें।
ऊपरी आहार बनाने तथा खिलाने में सफाई का ध्यान रखें।
बीमारी के दौरान शिशु की मांग के अनुसार स्तनपान करायें और शिशु की पसंद का ऊपरी आहार दें।
बीमारी के बाद ऊपरी आहार की मात्रा बढ़ाये व शिशु की भूख के अनुसार आहार दें।
माँ की बीमारी के दौरान :
माँ की बीमारी के दौरान स्तनपान जारी रखे और ऊपरी आहार दें।
डॉक्टर की परामर्श से ही माँ दवाई ले।
चिकित्सीय परामर्श अवश्य लें।

1 टिप्पणियाँ
Very nice jankari
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