बच्चों में कंसंट्रेशन बढ़ाने के आसान उपाय, How to increase Concentration,संभव, शाम्भवी पाण्डेय

बच्चों में कंसंट्रेशन बढ़ाने के आसान उपाय, how to increase Concentration,संभव, शाम्भवी पाण्डेय


स्वामी विवेकानंद जी कहते हैं - 

“एकाग्र मन एक सर्चलाइट के समान है, सर्चलाइट हमें दूर तथा अंधेरे कोनो में पड़ी वस्तुओं को भी देखने में समर्थ बनाता है।”

 

मन को नियंत्रण में रखने और एकाग्रता का न होना कोई नई समस्या नहीं है। मन बंदर के समान चंचल और मतवाले हाथी के समान शक्तिशाली है, इसे नियंत्रण में लाना अत्यंत कठिन है किंतु असंभव नहीं।


श्रीमद्भगवद्गीता में अर्जुन, शिक्षक कृष्ण से प्रश्न करते हैं- 

“मन अत्यंत चंचल और बलवान है, इसे नियंत्रण में रखना वायु को वश में करने के समान है, अब ऐसे मन को नियंत्रण में भला कैसे लाया जा सकता है ?”


श्री कृष्ण कहते हैं - 

“अभ्यास से ही पूर्णता की उपलब्धि होती है, चंचल मन भी नियमित अभ्यास के द्वारा नियंत्रण में लाया जा सकता है।”


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मन को नियंत्रित करने की आवश्यकता क्यों है ?

"यदि किसी व्यक्ति का मन उसके अपने नियंत्रण में है तो इसके द्वारा वह कई उपलब्धियां प्राप्त कर सकता है,जबकि यदि मन उसके नियंत्रण में नहीं है तो साधारण से साधारण लगने वाला का कार्य भी उसे कठिन और असंभव लगने लगता है।"

                  


'बच्चे,बचपन और उनका मनोविज्ञान' में आज का लेख विशेष रूप से छात्रों से संबंध रखता है। आज हम यहां इस बात पर चर्चा करेंगे कि विद्यार्थी किस प्रकार अध्ययन में अपने मन को एकाग्र करें, बच्चे अपनी कंसंट्रेशन कैसे बढ़ाएं ?


बच्चों में कंसंट्रेशन बढ़ाने के आसान उपाय:


नीचे बताए जाने वाले कुछ बिंदुओं को ध्यान में रखकर हम अपने मन की एकाग्रता (कंसंट्रेशन) को बहुत ही आसान तरीके से बढ़ा सकते हैं - 


1-बैठने की मुद्रा : प्रत्येक विद्यार्थी के लिए यह आवश्यक है वह मेज कुर्सी पर उचित मुद्रा में बैठकर ही पढ़ाई करें।


2- स्थिरता : छात्रों को अध्ययन के समय एक उचित तथा स्थिर मुद्रा में बैठना अति आवश्यक है,अनावश्यक रुप से शरीर हिलाने से भी कंसंट्रेशन नहीं बनती।


3- विषय का निर्धारण :अध्ययन के लिए एक बार में एक ही निर्धारित विषय चुने उसके बाद कम से कम एक घंटा उसी को मन लगाकर पढ़े।


4- गंभीरता : अध्ययन के लिए तैयार होने में मन को 8 से 10 मिनट तक लग जाते हैं अतः कुछ मिनटों बाद जब मन एकाग्र होता है तो उस अवसर का उपयोग विषय को गहराई से अध्ययन करने में लगाना चाहिए।


5- नियमित अभ्यास : जिस प्रकार परीक्षा के निकट आ जाने पर ही व्याकुलता के कारण मन अध्यन में स्थिर हो पाता है उसी प्रकार यदि हम परीक्षा के दूर रहते ही अध्यन में स्थिरता पाने की दृढ़ कोशिश करें तो धीरे-धीरे नियमित अभ्यास से कंसंट्रेशन बढ़ा सकते हैं।


6-लक्ष्य के प्रति जागरुकता : बहुत से छात्र ध्यानपूर्वक अध्ययन करने में इसलिए असमर्थ हो जाते हैं क्योंकि उनका मन एक प्रकार से दिवास्वप्नों (खवाबों) में खोया रहता है या बिना उद्देश के ही चारों ओर भटकता रहता है इसलिए छात्र को अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए जागरुक होना आवश्यक है तभी वह कंसंट्रेशन को बढ़ाने में सफल हो सकते हैं।


7-संगति : अच्छे मित्रों की संगति निश्चित रूप से आपके लिए सहायक सिद्ध हो सकती है।


8-योग एवं आहार : मस्तिष्क को सुदढ़ बनाने के लिए योग के साथ-साथ प्रतिदिन उचित मात्रा में दूध, मक्खन, घी और पौष्टिक भोजन अवश्य लेना चाहिए।


9-आत्मविश्वास : कंसंट्रेशन होने के लिए अति आवश्यक है 'आत्मविश्वास का होना'। मनुष्य की अपनी शक्ति व क्षमता में विश्वास ही आत्मविश्वास कहलाता है।


10- धैर्य तथा लगन : एकाग्रता की अंतिम उपलब्धि तभी मानी जाएगी जब पठनीय विषय पूरी तरह से समझ लिया गया हो इसके लिए छात्रों को पूरे धैर्य तथा पूरी लगन के साथ अध्ययन करने और विषय को स्पष्ट रुप से समझने के प्रयास में लग जाना चाहिए।



"मन को नियंत्रण में लाना अत्यंत कठिन है किंतु असंभव नहीं। नियमित अभ्यास के द्वारा मन को नियंत्रण में लाया जा सकता है।"


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                   - शाम्भवी पाण्डेय


 


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