मंत्रों का चमत्कार , मंत्रों की वैज्ञानिकता -2021

मंत्र क्या , मंत्र शक्ति ,मंत्र उच्चारण , मंत्रों का चमत्कार , मंत्रों  की वैज्ञानिकता, क्रम का महत्त्व , अनुष्ठान , मंत्रों का लाभ , प्रभाव , पूजा में शामिल होने का लाभ, मंत्र सुनने का प्रभाव  -2021

हम सभी अपने आसपास कई बार यह सुनते हैं कि किसी परिस्थितिवश दुखित व्यक्ति या ऐसा व्यक्ति जो व्यवसाय में प्रगति नहीं कर पा रहे थे, किसी धर्मात्मा या सन्यासी द्वारा बताये विशेष मंत्र के जाप एवं अनुष्ठान करने से उनकी समस्या का समाधान प्राप्त होता है। यह बात आप में से बहुत से लोगों ने स्वयं भी अनुभव किया होगा ।

अब प्रश्न उठता है कि आखिर क्यों ?, मंत्र में क्या शक्ति है ? इसमें कितनी वैज्ञानिकता है?  और मंत्र अनुष्ठान को करने के बाद कार्य कैसे पूर्ण होते है?आखिर वह मंत्र कैसे प्रभाव डालते हैं ? मंत्र के जाप करने से अपने आप कार्य की सिद्धि कैसे हो जाती है ?          

                               




    मंत्र क्या है?

    मंत्र, अक्षर और शब्द का एक विशेष गुंथन है जो ध्वनि / शब्द की वैज्ञानिकता पर आधारित है कि यदि शब्द को एक विशिष्ट ताल ,क्रम  एवं गति से उच्चारण किया जाए तो उच्चारण से एक विशिष्ट प्रकार की ऊर्जा जन्म लेती है जो मानव शरीर पर एक विशेष प्रभाव डालती है |


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    मंत्र शक्ति, मंत्रों की वैज्ञानिकता क्या है ?

    हम सभी जानते हैं कि शब्दों का उच्चारण स्वर ग्रंथियों जैसे कंठ,तालु,दंत,ओष्ठ,मूर्धा आदि के माध्यम से होता है । इन्ही स्वर् ग्रंथियों का फैलाव शरीर के विभिन्न ग्रंथियों, कोश, एवं चक्र आदि तक है। अनेक दृश्य ,अदृश्य ग्रंथियों एवं अनेक शक्ति केंद्र भी इन्हीं स्वर ग्रंथियों से जुड़े हुए हैं | जब हम कोई ध्वनि उच्चारित करते हैं तो एक कंपन ,तरंग उत्पन्न होती है जो स्वर ग्रंथि के साथ-साथ उससे से जुड़ी हुई सभी दृश्य अदृश्य ग्रंथियों शक्ति केंद्र पर विस्फोट के साथ चोट करती हैं और कालांतर में उन्हें जागृत कर आश्चर्यजनक प्रभाव उत्पन्न करती हैं।

    मंत्र में क्रम का  महत्व क्या है और क्यों है?

    मंत्र की वैज्ञानिकता में एक बात समझना और जरूरी है कि मंत्र में क्रम का विशेष महत्व है। किसी वाक्यांश के शब्दों के क्रम बदलने पर अर्थ में बहुत ज्यादा फर्क नहीं आता है ,केवल कुछ व्याकरणिक अशुद्धि  ही मानी जाती है। परंतु प्रभाव की दृष्टि से  अक्षरों का क्रम बदलने से मानव शरीर, एवम सूक्ष्म आकाश में होने वाले कंपन ,स्पंदन में भारी बदलाव और अंतर दिखने लगता है । इसी विज्ञान को देखते हुए मंत्रों का गठन ,एवं उसके प्रत्येक अक्षर को इस विशिष्ट क्रम से सजाया गया है कि मंत्र ध्वनि तरंगों के कंपन, तरंगों के स्पंदन से उत्पन्न शक्ति की अत्यधिक मात्रा उत्पन्न करें और ये कंपन शरीर के सुसुप्त केंद्र को जागृत कर सके। 

    मंत्र का अर्थ ना जानने पर भी क्या मंत्रो का लाभ पाया जा सकता है?

    कई बार मंत्रों के प्रयोगकर्ता उसका अर्थ ना जानने पर भी आश्चर्यजनक लाभ प्राप्त करते हैं | इसका कारण मंत्र की वैज्ञानिकता, उनके उच्चारण के कारण उत्पन्न स्पंदन एवं ऊर्जा का उद्गम है.| इसीलिए मंत्रों में सटीक उच्चारण का ही सर्वाधिक महत्व है।


    मंत्र का प्रभाव कैसे पड़ता है ?


    मंत्रों का प्रभाव शब्द शक्ति, शब्दों की वैज्ञानिकता और मंत्रों के वैज्ञानिकता से ही जुड़ा हुआ है। मंत्रों के उच्चारण से स्वर् ग्रंथियों में कंपन ,उनसे जुड़ी हुई अन्य ग्रंथियों में वाइब्रेशन एवं तरंग उत्पन्न करते हैं । यह वाइब्रेशन जब एक निश्चित क्रम में किया जाता है तो हमारे भीतर के प्रसुप्त केंद्रों को जगाने का कार्य करता है । कुछ विशेष दिनों का अनुष्ठान इसी कारण विशेष प्रभाव उत्पन्न करते हैं। यह ठीक वैसा ही जैसे डॉक्टर 5 एक्सरसाइज का एक प्रोग्राम बताते हैं कि अगर इनको हम क्रम से करेंगे तब इससे हमारी मसल्स भी मजबूत होगी और धीरे धीरे धीरे वह बीमार व्यक्ति में एक बृहद सुधार भी ले आता है ।

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    मंत्र के उच्चारण कर्ता पर क्या प्रभाव पड़ता है ? |

    जिस प्रकार सितार के तारों के क्रम से बजने पर एक विशिष्ट ध्वनि निकलती है और उंगलियों के तारों पर पड़ने वाले दबाव एक विशेष प्रकार की ध्वनि उत्पन्न करते हैं| इसी प्रकार जब किसी मंत्र का उच्चारण विशिष्ट लय और क्रम से  एक निश्चित समय तक लगातार किया जाता है तो मंत्र विशेष प्रभाव को उत्पन्न कर एक विशिष्ट परिवर्तन लाते हैं और शरीर  में विशिष्ट प्रकार की शक्तियों का संचार करते हैं साथ ही शरीर के प्रसुप्त केंद्रों को जागृत कर व्यक्ति  में विशेष क्षमता एवं सिद्धियों को विकसित करते हैं और कालांतर में  साधारण दिखने वाले व्यक्ति में एक विशिष्ट परिवर्तन नजर आने लगता है। जिस प्रकार " रसरी आवत जात से सिल पर परत निशान "  रस्सी के आने जाने से लगातार अभ्यास से पत्थर पर निशान बन जाता है. उसी प्रकार पूर्ण वैज्ञानिक प्रक्रिया के माध्यम से मंत्रों के उच्चारण से शरीर के प्रसुप्त  ऊर्जा केंद्र जागृत हो जाते हैं | 

          मंत्र जाप एवं अनुष्ठान से लाभ का कारण यही है कि वह विशेष मंत्र आपकी शरीर की तमाम ग्रंथियों को सक्रिय करते हैं और  उनमें ऊर्जा का प्रवाह करते हैं जिसके कारण आदमी में सकारात्मक सोच का विकास होता है, उसके मनोबल में वृद्धि होती है जिससे व्यक्ति उन समस्याओं का गहन मंथन करके उसका निवारण करने में सक्षम हो जाता है.|


    गायत्री महामंत्र उसका महत्व एवं लाभ लेख


    मंत्र पाठ /जप /उच्चारण का सुनने वालों पर क्या प्रभाव पड़ता है ? किसी पूजा में शामिल होने मात्र से हमें उसका लाभ क्यों  मिलता है?


    प्रकृति पर मंत्रों का प्रभाव हम सभी जानते हैं कि शब्द /ध्वनि ,लहर और तरंग उत्पन्न करते हैं जो एक स्प्रिंग की तरह वर्तुलाकार में गतिमान होती है।मंत्रों के उच्चारण में यह वर्तुलाकार तरंग  साधक के अंदर तो परिवर्तन लाती ही हैं ,साथ ही वातावरण में भी  अपना प्रभाव डालती है। इसीलिए मंत्रों का उच्चारण केवल साधक ही नहीं अपितु उस मंत्र साधना के सुनने वालों पर भी प्रभाव डालती है । सांप और बिच्छू के मंत्र का असर करना इसी वैज्ञानिक सिद्धांत पर आधारित है सांप का मंत्र पीड़ित व्यक्ति के शरीर के उन कोसों और ग्रंथियों पर ध्वनि  के वर्तुल तरंगों के प्रभाव के कारण पुनः जागृत होने लगते हैं और व्यक्ति मूर्छित अवस्था से पुनः अपनी चेतना प्राप्त करने लगता है।


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    4 टिप्पणियाँ

    1. आप सभी को बहुत बहुत धन्यवाद।

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    2. सभी सनातनधर्मियो के लिए मंत्रों का महत्व बताने के लिए सराहानिय प्रयास

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    3. हम सब अब तक मंत्र उच्चारण करते थे परंतु इतना विस्तृत विवरण आज तक जानकारी में नहीं था ,आपका प्रयास सराहनीय है🙏🙏

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