12 माह से 24 माह के बच्चे को कैसे समझें,बच्चा और उसका क्रियाकलाप,बच्चे का चलना ,भावनात्मक एवं मानसिक विकास , बोलना, भाषा बच्चे की समझ , बच्चे की देखभाल | बचपन ,बच्चे और उनका मनोविज्ञान श्रृंखला |
बचपन ,बच्चे और उनका मनोविज्ञान श्रृंखला-
बच्चे,बचपन और उनका मनोविज्ञान इस श्रृंखला में हमने नवजात शिशु से शुरू होकर उसके 12 माह तक के सफर में शिशु के शारीरिक और मानसिक विकास , उसकी केयर के साथ एंजॉयमेंट और प्रत्येक माह की एक्टिविटीज के साथ-साथ उससे जुड़ी हुई समस्याओं पर खूब चर्चा की |
यह जन्म से 1 साल तक का समय और इसका प्रत्येक माह माँ के लिए चुनौतीपूर्ण होता है लेकिन अब समय आ चुका है और आप थोड़ी राहत की सांस ले सकती हैं , क्योंकि अब आपका शिशु एक साल कंप्लीट कर चुका है |
इस श्रृंखला के इस लेख में अब हम चर्चा करने वाले हैं 12 माह से 24 माह के बच्चे के क्रियाकलापों की , कि कैसे बच्चे का विकास होता है ? बच्चे क्या-क्या एक्टिविटीज करते हैं ? क्या सोचते हैं खुद के बारे में ? और कैसे उन्हें समझाएं , सिखाएं आदि ?
हर पेरेंट्स के लिए उसके बच्चे का फर्स्ट बर्थडे सबसे खास मौका होता है | यह अवसर होता है अपने साथ-साथ समाज में अपने बच्चे से जुड़ी खुशियों को मिलकर सेलिब्रेट करने का |
स्वस्थ शिशु खुशहाल परिवार
12 माह के बच्चे का शारीरिक और मानसिक विकास कैसा होता है ?
12 माह में आपका बच्चा पहले बड़बड़ाहट के साथ शब्दों को बोलना शुरू कर देता है जिसमें वाह मम्मा, बाबा, बुआ, पापा जैसे छोटे छोटे शब्दों को बोलना शुरू करता है | फिर धीरे-धीरे अपनी बातें वाक्यों के रूप में संवाद करने की कोशिश करना शुरू करता है | अभी वह केवल कुछ शब्द ही बोल पाएगा और ज्यादातर इशारों में संवाद करेगा |
आपका शिशु अब कुर्सी या अन्य किसी सहारे को पकड़कर चलना शुरू कर चुका होता है | ऐसे में उसकी रूचि में प्रत्येक सामान को छूना, उधम बाजी करना शामिल है और उनकी मनमानी पूरी ना हो पाने पर शोर मचाता है, रो-रो कर जिद करता है | यह भी बच्चे की एक प्रकार की एक्सरसाइज ही होती है ।चलना, चढ़ना, दौड़ना , इशारा करना, वस्तुओं को संकेत देना , कोई शब्द बोलने की कोशिश करना, गानों का आनंद लेना, पेंसिल से रेखाएं खींचना, खुद से भोजन करना आदि सब एक 1 साल के बच्चे के शुरुआती विकास प्रक्रिया में शामिल है |
12 माह के बच्चे का सामाजिक और भावनात्मक विकास कैसे होता है?
आप सोचेंगे कि 12 माह की उम्र में सामाजिक विकास, ऐसा होता है क्या ? पर आप अगर ध्यान दीजिए तो यह बात समझेंगे कि बच्चा अब अपने परिवार के सदस्यों के अतिरिक्त बाहरी सदस्यों के बोलने पर भी प्रतिक्रिया देता है| यह बच्चे का सामाजिक विकास ही है | बच्चा अपने खिलौने या खाने को अन्य व्यक्ति या बच्चों के साथ शेयर करता है , वह खुद को औरों से जोड़ता है | यही 12 माह के बच्चे का सामाजिक विकास है |
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16 माह में बच्चे की समझ -
16 माह में बच्चा यह समझने का प्रयास करता है कि उसके द्वारा किए गए अच्छे व्यवहार पर उसकी तारीफ हो रही है तथा बुरे व्यवहार पर डांट पड़ रही है | यह बच्चे का भावनात्मक विकास है | अब बच्चा स्वतंत्र रूप से खेलना चाहता है और किसी भी प्रकार की रोक टोक पर वो रो कर आपका ध्यान आकर्षित करता है | बच्चे से जिस प्रकार आप प्रेमपूर्वक या क्रोध पूर्वक व्यवहार करेंगे , इसका सीधा असर उसकी मानसिक विकास पर पड़ेगा, उसकी भावनाओं पर पड़ेगा | बच्चे का मेंटल डेवलपमेंट , उसकी भावनाओं के विकास से ही सही दिशा में होता है।
12 से 24 माह के बच्चे का क्रियाकलाप
शिशु का चलना
अब आपका बच्चा अपने कदम संभालने की कोशिश कर रहा होता है | अब बहुत ही जल्द यह उपलब्धि भी उसे हासिल हो जाएगी | 12 या 13 माह में शिशु अपने आप पहले कदम चलना शुरू कर देता है | ऐसे में वह अपने पैरों के बल काफी अस्थिर सा रहता है और बार-बार गिरता है, पुनः उठकर चलता है | ऐसे में शिशु पर नजर बनाए रखें | गिरने पर गोद में लेकर उसे खूब प्यार दुलार दे और बच्चे का माइंड डाइवर्ट करके फिर से उसे प्रोत्साहित करें |
शिशु की समझ
इस समय शिशु चीजों को पहचानने का प्रयास करता है | जानी पहचानी चीजों की तरफ इशारा करता है, नई नई चीजों की तरफ आकर्षित होता है | बच्चा इस समय खाने की शुरुआत करता है | उसे खाने के लिए प्रोत्साहित करें लेकिन जोर ना डालें | बच्चा जब भी कोई फल , सलाद , उचित खाद पदार्थ का सेवन करें ; तो उसकी तारीफ पर उत्साह बढ़ाएं इससे खाने के प्रति बच्चों का इंटरेस्ट बढ़ता है |
शिशु का भाषा कौशल
12 माह में बच्चा कुछ शुरुआती भाषा से परिचित हो चुका होता है , जिसमें छोटे छोटे शब्द जैसे मम्मा ,पापा , बाबा, पानी ,दूध, नीनी, नींद, घुम्मी ,घूमना, जू जू, कीड़ा जैसे शब्दों को पहचानने लगता है | अगर ध्यान दीजिए तो बच्चे को जिन शब्दों को बोलिए बच्चे उन वस्तुओं की ओर इशारा करते हैं |
बोलने की क्षमता बच्चों में धीरे-धीरे विकसित होती है | बच्चे धीरे-धीरे ओंठ और जीभ के बीच तालमेल बैठाकर नए शब्दों को बोलना सीखते हैं | 24 माह तक पहुंचते-पहुंचते बच्चे अपनी बातों को छोटे-छोटे शब्दों और वाक्यों के रूप में, जैसे - मम चाहिए , जल्दी आओ , घूमने जाना है, बोलने का प्रयास करते हैं
शिशु की देखभाल से जुड़ी आवश्यक बातें
24 माह बच्चा सीढ़ी चढ़ना ,दौड़ना ,बोलना , खेलना , खुद से खाना खाने का प्रयास करना आदि क्रियाएं करने लगता है| किंतु यहां एक बात पर विशेष रुप से ध्यान देने की आवश्यकता है कि हर बच्चे का अपना विकास अलग अलग होता है | कुछ बच्चे जल्दी चलना शुरू करते हैं , जल्दी बोलना शुरू करते हैं, वहीं कुछ बच्चे कुछ महीनों के बाद एक साथ इन क्रियाओं को शुरू करते हैं | ऐसे में घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है, बस जरूरत है तो यह बात समझने की कि बच्चा आपका अपने पैरों पर बल देकर बैलेंस बना पा रहा है या नहीं ? इस पर ध्यान दें और बच्चे छोटे-छोटे शब्द जैसे मम्मा पापा, बाबा, आओ ,जाओ, टाटा जैसे शब्दों को बोल पा रहा है या नहीं ? अगर आपका बच्चा इन सब शब्दों का प्रयोग कर पा रहा है तो आप इंजॉय करें | हो सकता है आपका बच्चा कुछ महीनों के बाद अपनी बात को और अच्छे से वाक्यों के रूप में बोल सकें लेकिन अगर बच्चा अपने पैरों पर बैलेंस नहीं बना पा रहा है या बोलने पर प्रतिक्रिया नहीं दे रहा है या छोटे छोटे शब्दों को नहीं बोल पा रहा है, ऐसी किसी भी अवस्था में डॉक्टर से परामर्श करना अति आवश्यक होता है |
स्वस्थ शिशु खुशहाल परिवार
बचपन, बच्चे और उनका मनोविज्ञान श्रंखला के लेख पढने के लिए
बचपन लौट के नहीं आता, खुद भी इंजॉय करें और बच्चे को भी उसके विकास में प्रोत्साहित करते हुए उसे सहयोग करें।
इस लेख को पढ़ने और हमारा मनोबल बढ़ाने के लिए आप सभी को धन्यवाद । आप सभी इस लेख के बारे में अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दें, साथ ही यह भी बताएं बच्चों से संबंधित वह कौन सा विषय है जिस पर हम अपने लेख में चर्चा करें और वह हम सभी के लिए लाभकारी हो।
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