पुलिस वाले की राखी- एक कविता, शाम्भवी पाण्डेय Shambhav

पुलिस वाले की राखी-एक कविता

Happy Raksha Bandhan




सबका त्यौहार मनवाते हो,

खुद अपना भूल जाते हो,

राखी पर करें इंतजार बहन,

बोलो भैया घर कब आते हो ।


सुबह से हूं मैं उपवास किए,

थाल सजाए राखी का लिए,

भाई की ड्यूटी कब निभाते हो,

बोलो भैया घर कब आते हो ।



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https://youtu.be/WOuTmb3lMrY

लाना ना भले ही उपहार कोई,

बहाना होगा तुम्हारे पास कई,

दो पल की ही सही फुर्सत कब पाते हो,

बोलो भैया घर कब आते हो ।


मुझे गर्व रहेगा तुम पर सदा,

कई बहनों का त्यौहार मनवाते हो,

पर अपनी कलाई ना सुनी रखना,

बोलो भैया घर कब आते हो ।


है कठिन तुम्हारी ड्यूटी बडी़,

त्यौहार के दिन तो चैन नहीं,

कैसे खुद को समझाते हो,

बोलो भैया घर कब आते हो ।


रखना सदा बात मेरी याद यही,

रहना जहां रक्षा करना बहनों की सभी,

तुम अपना फर्ज कितनी शिद्दत से निभाते हो,

बोलो भैया घर कब आते हो ।।

          

           - शाम्भवी पाण्डेय


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